एक तरफ जहां उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ सोमवार शाम लखनऊ में राज्य में बच्चियों और महिलाओं के खिलाफ हो रहे अपराधों पर रोक लगाने के लिए उच्च स्तरीय बैठक कर रहे थे, लगभग उसी समय एक 12 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के आरोप में मेरठ में एक मौलवी को गिरफ्तार किया गया.
आरोपी मौलवी शाहिद को कथित घटना के बाद लोगों ने खूब पीटा, लेकिन वह किसी तरह से भागने में सफल रहा. हालांकि शाहिद को पुलिस ने उस वक्त गिरफ्तार कर लिया, जब वह मेरठ-करनाल हाईवे पर एक बस का इंतजार कर रहा था.
एक अधिकारी ने कहा कि आरोपी के खिलाफ यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है.
कानपुर में रविवार शाम हुई एक अन्य घटना में, एक मदरसा शिक्षक ने 15 साल की बच्ची के साथ दुष्कर्म किया. आरोपी की पहचान 35 वर्षीय जावेद के रूप में की गई है. जावेद ने मदरसा परिसर में स्थित एक कमरे में बच्ची के साथ दुष्कर्म किया. काफी मशक्कत के बाद आखिर पुलिस ने भागने के फिराक में रहे जावेद को गिरफ्तार कर लिया.
तीसरी घटना में, कुशीनगर जिले में नौ जून को एक नाबालिग लड़की के साथ छह लोगों ने कथित तौर पर मिलकर दुष्कर्म किया. इन छह आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया है और उनके खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है.
चौथी घटना जालौन से है, जहां एक खेत में सात साल की बच्ची का शव मिला. बच्ची के गले में उसकी सलवार बंधी हुई थी. इस बात की आशंका जताई जा रही है कि बच्ची के साथ दुष्कर्म हुआ था.
खेलने के लिए घर से निकली बच्ची सात जून से लापता थी. ग्रामीणों को उसका शव ठीक दो दिन मिला और बच्ची के परिवार को इसकी सूचना दी गई.
इससे पहले हमीरपुर जिले में 11 साल की एक बच्ची के साथ दुष्कर्म करने के बाद उसकी हत्या कर दी गई. पीड़ित बच्ची के नग्न शव को नौ जून को तड़के कब्रिस्तान में पाया गया.
ऊपर जिन पांचों घटनाओं का जिक्र किया गया है, वे सभी 30 मई को अलीगढ़ हादसे के बाद ही हुई हैं, जहां गला दबाकर ढाई साल की बच्ची की हत्या कर दी गई.
इस बीच सोमवार को हुई बैठक में, आदित्यनाथ ने चार अतिरिक्त महिला पुलिस महानिदेशकों रेणुका कुमार, तनुजा श्रीवास्तव, नीरा रावत और अंजू गुप्ता को हर दो जोन में अपराध की गतिविधियों पर नजर रखने के निर्देश दिए हैं.
मुख्यमंत्री ने यह भी आदेश दिया है कि एंटी-रोमियो स्क्वाड को फिर से सक्रिय किया जाए और अपराध का विश्लेषण करने के लिए 1090 महिला हेल्पलाइन पर मासिक रिपोर्ट तैयार की जानी चाहिए.
Source : IANS