इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने 2019 में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नागरिकता (संशोधन) अधिनियम के खिलाफ कथित भड़काऊ भाषण से संबंधित एक मामले में शरजील इमाम को इलाहाबाद हाईकोर्ट के जस्टिस सौमित्र दयाल सिंह ने जमानत दे दी. हालांकि इमाम की जमानत पर विस्तृत आदेश अभी जारी होना बाकी है. जेएनयू के पूर्व छात्र और शाहीन बाग विरोध के प्रमुख आयोजकों में से एक शरजील इमाम को पिछले साल बिहार के जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था. इमाम ने अपने भाषण में कथित तौर पर प्रदर्शनकारियों से भारत से अलग होने को कहा था.
मणिपुर, असम और अरुणाचल प्रदेश की पुलिस ने भी जेएनयू के छात्र के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी. हालांकि इमाम को असम और अरुणाचल प्रदेश के मामलों में जमानत मिल गई. शरजील इमाम पर भड़काऊ भाषण देने का भी आरोप लगाया गया था जिसके कारण दिसंबर 2019 में जामिया मिल्लिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के बाहर हिंसा हुई थी. अप्रैल में दिल्ली पुलिस ने उन पर देशद्रोह का आरोप लगाया, उनके भाषण ने लोगों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा दिया जिसके कारण जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय के पास दंगे हुए थे.
उसके खिलाफ उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ जिले में और दिल्ली पुलिस द्वारा जनवरी 2020 में दुश्मनी की भावनाओं को बढ़ावा देने के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. उत्तर प्रदेश के अलीगढ़ में और दिल्ली पुलिस द्वारा जनवरी 2020 में आईपीसी की धारा 124 ए (देशद्रोह) और 153 ए (धर्म, जाति, जन्म स्थान, निवास, भाषा, जाति या समुदाय या किसी अन्य आधार पर दुश्मनी या दुश्मनी की भावनाओं को बढ़ावा देने या बढ़ावा देने का प्रयास), भारतीय दंड संहिता की धारा 153बी (शांति भंग करने वाले बयान देना) और 505(2) (नफरत फैलाने के मकसद से ऐसे झूठे और खतरनाक बयान देना) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गई थी. शरजील इमान वर्तमान में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बंद है.
HIGHLIGHTS
- शरजील को पिछले साल जहानाबाद से गिरफ्तार किया गया था
- भारत के टुकड़े करने की बात कह कर लोगों को उकसाया
- दिल्ली और उत्तर प्रदेश में देशद्रोह के मामले में केस दर्ज हुआ