स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने वाराणसी में अपना अनशन खत्म कर दिया है. वो ज्ञानवापी में मिले महादेव (ShivLingam) की पूजा के बाद ही आहार लेने की जिद पर अड़े थे, लेकिन प्रशासन ने उन्हें उनके आश्रम में ही नजरबंद कर दिया था. वो 5 दिन से लगातार 107 घंटों से अनशन पर थे. इस दौरान उनकी तबियत भी खराब हुई, जिसके बाद प्रशासन ने पूरी ताकत लगा ली, फिर भी उन्होंने अनशन नहीं तोड़ा. अब आज वाराणसी कोर्ट में उनकी याचिका पर फैसला आ सकता है. उन्हें आज अदालती कार्यवाही में भी उपस्थित होना है. इन सभी हालातों को देखते हुए शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज (Shankaracharya Swami Swaroopanand Saraswati Maharaj) ने उन्हें अनशन तोड़ने का आदेश दिया, जिसके बाद उन्होंने अपना अनशन तोड़ दिया.
वाराणसी में स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने कहा कि जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती का पत्र मिला है. साथ ही, कांची मठ (Kanchi Math) के महाराज का भी निवेदन लेटर मिला है. गुरु आज्ञा से ही भगवान आदि विश्वेश्वर की पूजा के लिए मैं काशी आया था. उनके ही आदेश पर अब भगवान आदि विश्वेश्वर की पादुकाओं का प्रतीक पूजन करूंगा. उन्होंने कहा कि भगवान आदि विश्वेश्वर (Bhagwan Adi Vishweshwar) के भव्य मंदिर निर्माण के लिए देश में अभियान चलाऊंगा.
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तेजी से गिरा था वजन, मौन व्रत भी कर लिया था धारण
बता दें कि स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद डायबिटीज के मरीज हैं और उनका शुगर लेवल 44 तक आ गया था. जिसके बाद प्रशासन के हाथ पांव फूल गए थे. हालांकि अब उन्होंने आदि विश्वेश्वर के प्रतीक की पूजा करके अनशन तोड़ा है.
HIGHLIGHTS
- स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद ने तोड़ा अनशन
- 107 घंटों के बाद खत्म किया अनशन
- शंकराचार्य के आदेश के बाद तोड़ा अनशन