समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के संरक्षक मुलायम सिंह यादव के परिवार में एक बार फिर एकता की कोशिश की जा रही है. इसका प्रयास खुद शिवपाल सिंह यादव कर रहे हैं, जो पहले अपने कुनबे से नाता तोड़ नया राजनीतिक बनाकर यूपी की सत्ता को जीत चले थे. मगर अब वो समझ चुके हैं कि परिवार को छोड़ अकेले चलने पर राह में कितने कांटे लगते हैं. लिहाजा अब शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) खुद परिवार की एकता के लिए कोई भी कुर्बानी देने तक की बातें कर रहे हैं.
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प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव का कहना है कि वह चाहते हैं कि सभी समाजवादी फिर एक हो जाएं और इसके लिए वह त्याग करने को भी तैयार हैं. इटावा में संवाददाताओं से बातचीत में शिवपाल ने कहा, 'मैं चाहता हूं कि सभी समाजवादी नेता फिर से एकजुट हों, इसके लिए मैंने पहले ही कहा है कि मैं सब कुछ कुर्बान करने को तैयार हूं. हम लोगों के निर्णय के आधार पर हम 2022 का चुनाव लड़ेंगे.'
गौरतलब है कि शिवपाल ने समाजवादी पार्टी से अलग होकर अक्टूबर 2018 में नई पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी बनाई थी. अखिलेश यादव के सपा अध्यक्ष बनने के बाद जनवरी 2017 में यादव परिवार की कलह खुलकर सामने आई थी. मगर यूपी में पिछले विधानसभा चुनाव में मिली करारी शिकस्त के बाद दोनों के बीच नजदीकियां बढ़ने लग गईं. मुलायम परिवार में एकता का बीज सैफई के होली मिलन समारोह में दिखाई दिया था.
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पैतृक गांव सैफई में अखिलेश और शिवपाल यादव दोनों एक मंच पर थे. इस दौरान अखिलेश ने शिवपाल के पैर भी छुए थे, क्योंकि नाते में शिवपाल यादव अखिलेश के चाचा जो लगते हैं. उसी समय से मुलायम परिवार में एकता की संभावना दिखने लग थी. इस बीच सपा द्वारा शिवपाल की विधानसभा सदस्य खत्म करने की याचिका वापस लेने के बाद इस बात को और बल मिल गया था. लेकिन अब शिवपाल ने खुद बयान से सारी बातें आईने की तरह साफ हो गई हैं.