उत्तरप्रदेश विधान सभा अध्यक्ष हृदयनारायण दीक्षित ने समाजवादी पार्टी द्वारा पार्टी विधायक शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) की सदस्यता समाप्त करने के लिए दी गई याचिका को वापस करने पर सहमति दे दी है. विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के नेता रामगोविंद चौधरी ने चार सितंबर, 2019 को दल परिर्वतन के आधार पर शिवपाल यादव की विधानसभा से सदस्यता समाप्त करने की याचिका दायर की थी. चौधरी ने 23 मार्च को प्रार्थना पत्र देकर याचिका वापस करने का आग्रह किया था. उन्होंने कहा था कि याचिका प्रस्तुत करते समय कई महत्वपूर्ण अभिलेख व साक्ष्य संलग्न नहीं किए जा सके थे, ऐसे में याचिका वापस की जाए.
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विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि इसी आधार पर चौधरी की याचिका वापस करने के आग्रह को स्वीकार कर लिया गया. इस बारे में जब समाजवादी पार्टी के एक नेता से पूछा गया तो उन्होंने कहा कि पार्टी सदस्यता समाप्त करने की दिशा में आगे नहीं बढ़ेगी. प्रदेश की जनता उनके भाग्य का फैसला करेगी. उन्होंने शिवपाल के दोबारा पार्टी में शामिल होने की अफवाहों को सिरे से खारिज कर दिया. शिवपाल समाजवादी पार्टी से इटावा के जसवंतनगर से विधायक हैं.
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बता दें कि वर्ष 2017 में यूपी विधानसभा चुनावों के समय से ही मुलायम सिंह यादव के परिवार में बिखराव शुरू हो गया था. इस टकराव का नतीजा ये हुआ कि शिवपाल को सपा से बाहर होना पड़ा और उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली. लोकसभा चुनाव 2019 में शिवपाल ने भतीजे और भाई के खिलाफ ताल ठोंका था. शिवपाल की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली. शिवपाल खुद फिरोजाबाद सीट से लोकसभा का चुनाव हार गए थे.
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