शिवसेना की सावन के प्रत्येक सोमवार ताजमहल में आरती करने की चेतावनी के बाद आगरा जिला प्रशासन ने ऐतिहासिक धरोहर की सुरक्षा और बढ़ा दी है. इस बाबत भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण (एएसआई) संस्थान ने पुलिस में औपचारिक शिकायत दर्ज कराई है. शिकायत में कहा गया है कि प्राचीन धरोहर और पुरातात्विक साइट्स और भग्नावशेष कानून 1958 के अनुसार संरक्षित इमारत में किसी भी तरह का धार्मिक अनुष्ठान या नई परंपरा की शुरुआत की मनाही है. इसके उलट शिवसेना का दावा है कि शाहजहां द्वारा 17वीं शताब्दी में बनवाया गया ताजमहल वास्तव में तेजो महालय नाम का शिव मंदिर है.
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ताजमहल वास्तव में है शिव मंदिर तेजो महालय
जानकारी के मुताबिक 17 जुलाई को आगरा शिवसेना के शहर अध्यक्ष वीनू लवणिया को ताजमहल में आरती करने से पहले ही पुलिस ने रोक लिया था. इसके बाद वीनू ने स्थानीय पुलिस प्रशासन के इस कदम का विरोध कर आदेश को चुनौती दी है. वीनू का कहना है कि ताजमहल मकबरा नहीं होकर, भगवान शिव का मंदिर तेजो महालय है. ऐसे में सावन के पवित्र महीने के प्रत्येक सोमवार को तेजो महालय में आरती की जाएगी. इसके बाद से ही ताजमहल में सुरक्षा बढ़ा दी गई है. इस बाबत एएसआई के आगरा परिक्षेत्र के सुप्रिटेंडिंग आर्कियोलॉजिस्ट वसंत स्वर्णकार का कहना है कि ताजमहल में आज तक कोई आरती या किसी किस्म की पूजा नहीं की गई है.
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पहले भी पूजा के हुए हैं कई प्रयास
गौरतलब है कि यह कोई पहली बार नहीं है जब दक्षिणपंथी समूह ने ताजमहल में पूजा की बात कह कर विवाद खड़ा किया हो. पिछले ही साल महिलाओं के एक समूह ने ताजमहल के भीतर पूजा की थी. उनका मकसद यह स्थापित करना था कि ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर था. इसके भी पहले 2008 में शिवसेना के कुछ कार्यकर्ताओं ने ताजमहल में घुसपैठ कर हाथ जोड़ कर उसकी परिक्रमा की थी. पुलिस ने उन्हें देख रोकने की कोशिश की, जिसका विरोध करने पर पुलिस से शिवसैनिकों की झड़प भी हुई थी.
HIGHLIGHTS
- शिवसेना का दावा ताजमहल वास्तव में शिव मंदिर तेजो महालय है.
- आगरा ईकाई ने सावन के प्रत्येक सोमवार आरती करने की दी चेतावनी.
- इसके पहले भी ताजमहल में पूजा के हो चुके हैं कई प्रयास.