कानपुर (Kanpur) देहात से बड़ी खबर आ रही है. शोभन सरकार नहीं रहे. हजारों की तादात में भक्त शोभन मंदिर (Shobhan Mandir) पहुंच रहे हैं. शोभन महाराज की लंबी बीमारी के चलते असमय मृत्यु हो गई. शोभन मंदिर में हजारों भक्तों की भीड़ लगी है. हर कोई शोभन सरकार के अंतिम दर्शन करना चाहता है. भक्तों की भीड़ को देखते हुए जिला प्रशासन अलर्ट पर हैं. शोभन आश्रम को छवानी में तब्दील किया गया है. शिवली थाना क्षेत्र के बैरी गांव में आश्रम है. बाबा ने अंतिम सांस अपने आश्रम में ली.
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1000 टन सोने के भंडार की भविष्यवाणी की थी
बता दें कि सात साल पहले उन्नाव के डौंडियाखेड़ा गांव में 1000 टन सोने के भंडार की भविष्यवाणी की थी. स्वतंत्रता संग्राम के दौरान अंग्रेजों ने महल पर कब्जा कर राजा राव रामबख्श को फांसी दे दी थी. उन्होंने प्रदेश सरकार को जानकारी दी थी इस महल के भूगर्भ में हजारों टन सोना दबा है. इसके बाद एएसआई ने 18 अक्टूबर को राजा राव रामबख्श के खंडहर महल में खुदाई शुरू कराई. जियोलॉजिकल सर्वे ऑफ इंडिया ने एएसआई को 29 अक्टूबर को रिपोर्ट दी कि महल के नीचे सोना, चांदी या अन्य धातु दबी हो सकती है. करीब एक महीने तक चली खुदाई का काम काम 19 नवंबर 2013 को पूरा हुआ. इस काम में प्रदेश सरकार के 2.78 लाख रुपये खर्च हो गए लेकिन सोना का भंडार न मिलने पर खुदाई को रोक दिया गया.
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खजाने पर शुरू हो गई थी राजनीति
बता दें शोभन सरकार के सपने के आधार पर खजाने की खोज पर केंद्र व प्रदेश सरकार की खूब किरकिरी भी हुई थी. तत्कालीन विहिप के नेता अशोक सिंघल ने कहा था कि सिर्फ एक साधु के सपने के आधार पर खुदाई करना सही नहीं है. खजाना मिलने से पहले ही इसके कई दावेदार भी सामने आ गए थे. रजा के वंशज ने भी उन्नाव में डेरा जमा दिया था. ग्रामीणों ने भी उस पर दावा किया था जिसके बाद तत्कालीन केंद्र सरकार की तरफ से कहा गया था कि खजाने पर सिर्फ देशवासियों का हक होगा. उधर तत्कालीन समाजवादी पार्टी की सरकार ने कहा था कि खजाने से निकली संपत्ति पर राज्य सरकार का हक होगा.