श्रीकृष्ण जन्मभूमि-शाही ईदगाह विवाद में शुक्रवार को अधिवक्ता महेंद्र प्रताप ने मथुरा सिविल कोर्ट में एक नया वाद दाखिल किया. सिविल जज सीनियर डिवीजन की अदालत में दायर वाद में ऐसा दावा किया गया है कि आगरा के लाल किले के अंदर दीवाने खास के पास बेगम साहिबा की मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे टहूकर केशव देव की पौराणिक, बेशकीमती और रत्न जड़ित मूर्ति दबी हैं. वाद में प्रार्थना की गई है कि अदालत पुरातत्व विभाग से खुदाई करवाकर मूर्ति को बाहर निकलवाए. अधिवक्ता महेंद्र सिंह ने अपनी अर्जी में कहा कि मस्जिद की सीढ़ियों के नीचे मूर्ति के दबे होने और उन पर मुस्लिम लोगों के चलने से हिन्दुओं की भावनाएं आहत हुई हैं.
अपने दावे के समर्थन में अधिवक्ता महेंद्र सिंह ने औरंगजेब के मुख्य दरबारी साखी मुस्तेक खान द्वारा लिखित पुस्तक मासर-ए-आलम गिरी का हवाला दिया है. वाद के जरिए से लाल किले में मौजूद बेगम साहिबा की सीढ़ियों का सर्वे कराकर मूर्ति निकलवाने की प्रार्थना की गई है.
याचिकाकर्ता के अनुसार आगरा के लाल किले की बेगम साहिबा मस्जिद में दबे भगवान श्रीकृष्ण के विग्रह को बाहर निकालने की मांग की गई है. विग्रह को मूल गर्भगृह की जगह पर प्राण प्रतिष्ठा को रखने की मांग है. याचिका के अनुसार भगवान श्री कृष्ण (केशव देव) के मंदिर को औरंगजेब ने तोड़कर भगवान के विग्रहों को बेगम साहिबा की मस्जिद की सीढ़ियों में दफन कराया था. इस तरह से हिंदू विग्रह को पैरों तले दबने से कृष्ण भक्तों की भावनाएं आहत हो रही हैं. अब तक श्री कृष्ण जन्मभूमि विवाद मामले को लेकर कोर्ट में 12 दावे दायर हो चुके हैं.
HIGHLIGHTS
- मथुरा सिविल कोर्ट में एक नया वाद दाखिल किया
- सर्वे कराकर मूर्ति निकलवाने की प्रार्थना की गई है