नोएडा के एसएसपी रहे वैभव कृष्ण की पांच आईपीएस अफसरों के खिलाफ भेजी रिपोर्ट की जांच शुरू हो गई है. इस मामले की जांच एसआईटी को सौंपी गई है और टीम ने वैभव कृष्ण के आरोपों की जांच एसआईटी ने शुरू कर दी है. एसआईटी ने डीजीपी ऑफिस और विभाग से पत्र की कॉपी, ऑडियो और व्हाट्सएप पर हुई चैटिंग के साथ ही आरोपों से संबंधित दस्तावेज मांगे हैं. बताया जा रहा है कि आरोपी आईपीएस अधिकारियों की संपत्ति की भी जांच की जाएगी.
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बता दें कि वीडियो वायरल होने के बाद नोएडा के एसएसपी रहते वैभव कृष्ण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर मामले में सफाई दी थी और शासन को भेजी गई एक गोपनीय रिपोर्ट लीक कर दी थी. इसके साथ ही उन्होंने आईपीएस अजय पाल शर्मा, सुधीर कुमार सिंह, गणेश प्रसाद साह, हिमांशु कुमार और राजीव नयन मिश्रा पर भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगाए थे. मुख्य सचिव कार्यालय में मीडिया निदेशक रहे दिवाकर खरे पीसीएस अधिकारी गुलशन कुमार और रजनीश पर भी करप्शन के आरोप लगे हैं. वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और निदेशक सतर्कता हितेश चंद्र अवस्थी की अध्यक्षता में एसआईटी जांच कर रही है. एसआईटी को 15 दिन के अंदर जांच पूरी करनी है.
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री योगी की भ्रष्टाचार के खिलाफ ‘कतई बर्दाश्त नहीं’ की नीति जारी है. इसी के तहत वैभव कृष्ण प्रकरण में आरोपों के दायरे में आए सभी पांच आईपीएस अधिकारियों को योगी सरकार ने पहले ही जिलों से हटाया गया, ताकि वे जांच को प्रभावित न कर सकें. इनकी जगह नए अधिकारियों को नियुक्त कर दिया गया है. वैभव कृष्ण के खिलाफ विभागीय जांच के आदेश भी दिए गए हैं.
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जांच के लिए योगी सरकार ने तीन सदस्यीय एसआईटी गठित की थी, वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी और डीजी विजिलेंस हितेश चंद्र अवस्थी को टीम के प्रमुख की जिम्मेदारी दी गई, जबकि दो सदस्य आईजी एसटीएफ अमिताभ यश और एमडी जल निगम विकास गोठलवाल बनाए गए. एसआईटी को मामले की जांच कर पंद्रह दिनों के भीतर जांच पूरी करने के आदेश दिए गए हैं. बता दें कि वीडिया वायरल होने के बाद योगी सरकार ने नोएडा के एसएसपी वैभव कृष्ण को भी निलंबित कर दिया है. अधिकारी आचरण नियमावली का उल्लंघन किए जाने के कारण उन्हें निलंबित किया गया.
Source : News Nation Bureau