केंद्रीय मंत्री एवं सांसद स्मृति ईरानी (Smriti Irani) ने सोमवार को अमेठी का दौरा किया. अपनी जमीन की रजिस्ट्री कराने के बाद स्मृति ईरानी राजीव गांधी पेट्रोलियम इंस्टीयूट में आयोजित ज्ञानापर्ण ऑनलाइन अध्यन के उद्घाटन समारोह में पहुंचीं. उन्होंने यहां मीडिया से बात करते हुए किसानों के मुद्दे पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) को जमकर घेरा. उन्होंने कहा कि बार-बार संसद में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने उद्बोधन में आग्रह किया कि वो कौन सा क्लाज है जिस पर वो चर्चा करना चाहते हैं. राहुल गांधी ने अपनी ओर से ऐसी कोई शिरकत नहीं की.
स्मृति ईरानी ने कहा कि बार-बार हमारे कृषि मंत्री ने भी कहा कि किसान के सम्मान में कृषि बिल को लेकर कोई भी चर्चा करना चाहते हैं तो कृषि मंत्री के आफिस के दरवाजे खुले हैं, लेकिन अगर राहुल गांधी अपनी गिरेहबान में झांककर देखें तो शायद उन्हें खुद याद आएगा कि कृषि क्षेत्र में रिफार्म की दृष्टि से उनकी अध्यक्षता में बने मैनिफेस्टो में बने इस सुधार की बात उन्होंने की है.
तो क्या राहुल गांधी सावर्जनिक रूप से अपनी बात को झुठला रहे हैं?
दूसरा नीति आयोग में जिन मुख्यमंत्रियों के कहीं न कहीं सुझाव को सम्मिलित करके सरकार को सुझाव दिए गए कृषि सुधार में उन सुधारों की ही दृष्टि से कांग्रेस के ही नेता अमरेंद्र सिंह भी उसमें सम्मिलित हैं तो क्या राहुल गांधी अपने ही पक्ष के नेताओं को झुठला रहे हैं?.
स्मृति ईरानी ने ये भी कहा कि भारत की संसद में और संसद के बाहर चर्चा के बावजूद राहुल गांधी भ्रम इसलिए फैलाना चाहते हैं ताकि अपनी राजनैतिक रोटियां सेंक सकें. स्मृति ने कहा कि मैं उस संसदीय क्षेत्र से आप सबको संबोधित कर रही हूं जहां वर्षों वर्ष उनके परिवार का राज रहा, इस संसदीय क्षेत्र में तीन लाख से ज्यादा किसानों को किसान सम्मान निधि तब मिली जब देश के प्रधानमंत्री मोदी बने.
राहुल गांधी को स्मृति ईरानी की चुनौती... हिम्मत है तो गुजरात से लड़ें चुनाव
किसान बिल पर लोकसभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का बगैर नाम लिए फजीहत करने वाली केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के तीखे तेवर अभी भी कम नहीं हुए हैं. असम में राहुल गांधी की चाय बगानों में काम करने वाले श्रमिकों को लेकर की गई टिप्पणी स्मृति ईरानी को इस कदर अखरी कि उन्होंने वायनाड से कांग्रेस सांसद को गुजरात (Gujarat) से चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का गुजरात और उसके लोगों के लिए नफरत भरा और पक्षपाती रवैया है. इसके प्रमाण सरदार वल्लभभाई से लेकर छोटे-बड़े गुजराती कारोबारी हैं. ऐसे में अपमानजनक टिप्पणी करने के बजाय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को साहस दिखाना चाहिए और एक बार गुजरात से चुनाव लड़ लेना चाहिए.
Source : News Nation Bureau