कांग्रेस का सबसे मजबूत किला अमेठी ध्वस्त करने वाली केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी अब अमेठी में ही अपना आशियाना बनाने जा रही हैं. दरअसल कुछ साल पहले स्मृति ईरानी ने अमेठीवासियों से वादा किया था कि उन्हें अपने सांसद से मिलने के लिए दिल्ली में भटकना नहीं पड़ेगा. अगर अमेठी की जनता उन्हें सांसद बनाती है तो वो अमेठी में अपना घर बनाएंगी. इसी क्रम में सोमवार को स्मृति ईरानी अपने आवास के लिए चिन्हित जमीन का बैनामा कराएंगी. स्मृति ईरानी के प्रतिनिधि विजय गुप्ता ने इस बात की पुष्टि करते हुए बताया कि स्मृति जो कहती वो करती हैं. वो जनता के नजदीक रहकर उहकी सेवा करेंगी. इसी क्रम में वह गौरीगंज में जमीन ली गई है. सोमवार को बैनामा होगा. हालांकि जमीन कितनी है, घर कितना बड़ा बनेगा, यह सब बाद में पता चलेगा.
आम चुनाव से 2019 के पहले स्मृति ने गौरीगंज के जामो रोड पर एक मकान किराए पर ले रखा था. उसी मकान में उनका कैम्प कार्यालय बनाया गया था. केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी और अमेठी सांसद लोगों की जन समस्याओं को सुनने के लिए फिलहाल इसी कैंप कार्यालय का इस्तेमाल कर रही हैं. आमजन की समस्याओं का निस्तारण यहीं से करती हैं.
राहुल गांधी को स्मृति ईरानी की चुनौती... हिम्मत है तो गुजरात से लड़ें चुनाव
किसान बिल पर लोकसभा में कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी (Rahul Gandhi) का बगैर नाम लिए फजीहत करने वाली केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के तीखे तेवर अभी भी कम नहीं हुए हैं. असम में राहुल गांधी की चाय बगानों में काम करने वाले श्रमिकों को लेकर की गई टिप्पणी स्मृति ईरानी को इस कदर अखरी कि उन्होंने वायनाड से कांग्रेस सांसद को गुजरात (Gujarat) से चुनाव लड़ने की चुनौती दे डाली. उन्होंने कहा कि कांग्रेस का गुजरात और उसके लोगों के लिए नफरत भरा और पक्षपाती रवैया है. इसके प्रमाण सरदार वल्लभभाई से लेकर छोटे-बड़े गुजराती कारोबारी हैं. ऐसे में अपमानजनक टिप्पणी करने के बजाय कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष को साहस दिखाना चाहिए और एक बार गुजरात से चुनाव लड़ लेना चाहिए.
असम में राहुल के बयान से खफा
केंद्रीय मंत्री और भाजपा सांसद स्मृति ईरानी ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को गुजरात में छोटे चाय कारोबारियों की जेब से 'धन निकालने' और राज्य से चुनाव लड़ने का साहस दिखाने की चुनौती दी. उन्होंने आरोप लगाया कि गुजरात और यहां के लोगों के प्रति कांग्रेस का 'नफरत भरा और पक्षपाती'’ रवैया नया नहीं है, क्योंकि राहुल गांधी और उनकी पार्टी ने गुजरात में सरदार वल्लभभाई पटेल की याद में 'स्टैच्यू ऑफ यूनिटी' के निर्माण के प्रस्ताव का भी विरोध किया था. वास्तव में ईरानी ने पूर्व कांग्रेस प्रमुख द्वारा असम में एक चुनावी रैली में कथित तौर पर की गई टिप्पणी का हवाला दिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि राज्य में उनकी पार्टी सत्ता में आने पर गुजरात के चाय मालिकों से चाय बागानों के श्रमिकों की दिहाड़ी बढ़ाने के लिए कहेगी.
Source : IANS