अयोध्या में राम मंदिर भूमि पूजन 5 अगस्त को होगा. पीएम नरेंद्र मोदी भी अयोध्या जाएंगे. राम मंदिर निर्माण के लिए अलग-अलग जगहों से मिट्टी और पवित्र जल आ रहा है. राम मंदिर निर्माण के लिए बद्रीनाथ की मिट्टी तथा अलकनंदा नदी का जल सोमवार को अयोध्या भेजा गया.
राम मंदिर के शिलान्यास के लिए प्रतीकात्मक रूप से बद्रीनाथ धाम की पवित्र मिट्टी और अलकनंदा नदी के जल से भरा कलश बद्रीनाथ मंदिर परिसर में आयोजित कार्यक्रम के बाद मंदिर के सिंहद्वार से अयोध्या ले जाया गया. यह जल कलश और मिट्टी यहां से राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ, विश्व हिंदू परिषद के स्वयं सेवक और भाजपा कार्यकर्ता अयोध्या पहुंचायेंगे. इस कार्यक्रम से जुड़े सदस्यों ने बताया कि उत्तराखंड के चारों धामों से सामूहिक रूप से जल एकत्रित कर हरिद्वार लाया जाएगा और वहां से 29 जुलाई को अयोध्या ले जाया जायेगा.
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इसके साथ ही राम मंदिर के शिलान्यास के लिए मां जानकी की प्राकट्य स्थली सीतामढ़ी से भी मिट्टी भेजी गई है. सीतामढ़ी के जानकी मंदिर, पुणौरा धाम, हलेश्वर स्थान और पंथपाकर धाम बगही मठ से मिट्टी भेजी गई.जानकी जन्मोत्सव आयोजन समिति ने अयोध्या में शिलान्यास के दिन सीतामढ़ी में अपने-अपने घरों में महाआरती और दीप जलाने की अपील की है.
इसके अलावा उज्जैन के महाकाल वन से मिट्टी भेजी जाएगी. साथ ही विश्व प्रसिद्व ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर से भस्म भी भेजी जाएगी. इस बात की जानकारी आह्वान अखाड़ा के महामंडलेश्वर आचार्य शेखर ने दी. भस्म और मिट्टी 2 से 3 अगस्त के बीच अयोध्या ले जाया जाएगा.
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राम जन्मभूमि ट्रस्ट कार्यालय के प्रभारी प्रकाश कुमार गुप्ता ने बताया कि जबसे मंदिर का फैसला आया है तबसे हमारे पास देश के विभिन्न हिस्सों से डाक द्वारा जल और मिट्टी आ रही है. लगभग 100 जगहों की जल और मिट्टी हम अब तक इकट्ठा कर चुके हैं.
Source : News Nation Bureau