उत्तर प्रदेश के बलिया जिले से एक स्कूल में जातिगत भेदभाव का मामला सामने आया है. यहां पर मिड-डे-मिल के भोजन के दौरान एससी, एसटी और दलित समुदाय के बच्चों के साथ जातिगत भेदभाव किया जाता है. कुछ बच्चे स्कूल में दलित समुदाय के बच्चों से अलग बैठ कर खाना खाते हैं. इतना ही नहीं ये बच्चे खाना खाने के लिए अपने घर से प्लेटें लाते हैं. यह मामला बलिया जिले के रामपुर के प्राइमरी स्कूल का है. जब स्कूल के एक छात्र से इस बारे में पूछा गया तो उसने बताया कि स्कूल में जिन प्लेटों में खाना दिया जाता है, उसमें कोई भी खाना खा सकता है. ऐसे में हम लोग इन प्लेटों में खाना नहीं खाते और अपने खाने के लिए घर से प्लेटें लेकर आते हैं.
वहीं स्कूल के प्रिंसिपल पी. गुप्ता ने कहा कि स्कूल में बच्चों को एक साथ बैठने और खाने के लिए कहा जाता है, लेकिन हमारे जाने के बाद वो बच्चे फिर से अलग-अलग तरीके हो जाते हैं. हो सकता है कि बच्चों ने यह घर से सीखा हो. स्कूल प्रिंसिपल का कहना है कि हमने यह सिखाने की बहुत कोशिश की है कि वे समान हैं, लेकिन उच्च जाति के छात्र निचली जाति के लोगों से दूर रहने की कोशिश करते हैं.
बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती ने इस घटना की निंदा की है. मायावती ने कहा, 'यूपी के बलिया जिले के सरकारी स्कूल में दलित छात्रों को अलग बैठाकर भोजन कराने की खबर अति-दुःखद व अति-निन्दनीय. बीएसपी की मांग है कि ऐसे घिनौने जातिवादी भेदभाव के दोषियों के खिलाफ राज्य सरकार तुरन्त सख्त कानूनी कार्रवाई करे ताकि दूसरों को इससे सबक मिले व इसकी पुनरावृति न हो.'
Source : न्यूज स्टेट ब्यूरो