उत्तर प्रदेश के सोनभद्र से डिजिटल अरेस्ट का मामला सामने आया है. यहां एक महिला को साइबर अपराधियों ने 48 घंटे तक डिजिटल अरेस्ट कर रखा था. ठगों ने 2.9 लाख रुपये की ठगी को अंजाम दिया. पुलिस ने महिला के शिकायत पर मामले में एफआईआर दर्ज कर ली है. अधिकारियों ने मंगलवार को जानकारी देते हुए कहा है कि मामले में तफ्तीश लगातार जारी है.
अतिरिक्त एसपी कालू सिंह का कहना है कि सोनभद्र की रहने वाली सृष्टि मिश्रा ने 18 अक्टूबर को पुलिस को सूचित किया कि उन्हें 9 अक्टूबर को एक अज्ञात नंबर से कॉल आया था. उन्हें कीपैड पर 9 दबाने के लिए कहा गया, जिसके बाद उनका कॉल ट्रांसफर हो गया. फिर उन्हें बताया गया कि उनके फोन नंबर का उपयोग करके 38 लाख रुपये की धोखाधड़ी करने वाले एक व्यक्ति को हिरासत में ले लिया गया है.
ऐसे ठगी को दिया अंजाम
एएसपी ने आगे कहा कि आरोपी ने उन्हें बताया कि ठगी गई राशि का 10 प्रतिशत उनके खाते में ट्रांसफर कर दिया गया है. महिला को बताया गया कि जांच जारी रहने तक वह 'डिजिटल अरेस्ट' में है. मिश्रा 48 घंटे तक 'डिजिटल अरेस्ट' में रहीं और राशि ट्रांसफर न करने पर कानूनी कार्रवाई की धमकी दी गई. फिर उनको आरोपी को 2 लाख 94 हजार 262 रुपये मजबूरन भुगतान करने पड़े.
महिला की तहरीर के मुताबिक 18 अक्टूबर को चोपन पुलिस स्टेशन में आईटी अधिनियम के प्रावधानों के तहत एक प्राथमिकी दर्ज की गई. मामले को विस्तार से जांचा जा रहा है.
बता दें कि 'डिजिटल हाउस अरेस्ट' एक ऐसा ठगी का तरीका है है, जिसमें साइबर अपराधी पीड़ितों को ठगने के लिए उनके घरों तक ही सीमित रखते हैं. अपराधी अक्सर एआई-जनरेटेड वॉयस या वीडियो तकनीक का उपयोग करके कानून प्रवर्तन अधिकारी बनकर ऑडियो या वीडियो कॉल करके डर पैदा करते हैं. इसी वजह लोग डर जाते हैं और उनके जाल में फंसकर अपनी मेहनत की कमाई गवा बैठते हैं.