बीजेपी के मिशन 2019 को फेल करने के लिए यूपी में सपा-बसपा और आरएलडी के बीच गठबंधन से पहले ही रिश्तों में गांठ पड़ने लगी है. मीडिया रिपोर्टस के मुताबिक महागठबंधन (Mahagathbandhan) में महज दो लोकसभा सीटें (General elections) देकर राष्ट्रीय लोकदल को अपने साथ रहने के लिए राजी करा पाना सपा-बसपा (SP-BSP) के लिए आसान नहीं होगा. रालोद गठबंधन में कम से कम पांच सीटें चाहता है. वहीं सपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने कहा है कि वक़्त आने पर गठबंधन के बारे में भी सभी को पता चल जाएगा,
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उत्तर प्रदेश में SP-BSP गठबंधन में सीटों के बंटवारे के फार्मूले से रालोद के नेता हैरान हैं. गठबंधन में रालोद को महज दो सीटें दिए जाने की खबरों को पार्टी के नेता खारिज कर रहे हैं. रालोद नेताओं का कहना है कि पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी अजित सिंह और उपाध्यक्ष जयंत चौधरी के विदेश से लौटने के बाद सोमवार को पार्टी अपना रूख स्पष्ट कर सकती है. महागठबंधन में रालोद शुरू से ही पश्चिमी यूपी की मथुरा, बागपत, मुजफ्फरनगर, अमरोहा और कैराना सीट पर दाव कर रहा है.
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बताया जाता है कि इनमें से कम से कम चार सीटें हर हाल में रालोद लेना चाहेगा. कैराना सीट पर हुए उपचुनाव में सपा ने रालोद को अपना प्रत्याशी देकर चुनाव लड़ाया और जीत हासिल हुई. माना जा रहा है कि यह सीट सपा के लिए छोड़ी जा सकती है. बता दें दोनों पार्टियां 35 या 36 सीटों पर लड़ेंगी. कांग्रेस को इस गठबंधन से बाहर रखा जाएगा लेकिन रायबरेली और अमेठी में दोनों पार्टियां कांग्रेस का समर्थन करेंगी. राष्ट्रीय लोकदल (आरएलडी) को गठबंधन में दो-तीन सीटें मिलेंगी और बाकी सीटों पर अन्य पार्टियों को समायोजित करने की कोशिश की जाएगी.
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Source : News Nation Bureau