लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को मिल गयी है. आरोपी आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी का बेटा है. उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री एवं समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने आज आशीष मिश्रा के जमानत पर टिप्पणी की है. उन्होंने कहा कि, "आशीष मिश्रा को जनता की अदालत से जमानत नहीं मिलेगी. उनकी (भाजपा) नीतियों से किसानों और उनके परिवारों को बहुत नुकसान हुआ है, इससे भाजपा की हार होगी. लखीमपुर खीरी कांड आजाद भारत में जलियांवाला बाग की घटना की याद दिला रहा है:"
लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत रद्द करने की मांग करते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के जमानत देने के फैसले को भी रद्द करने की गुहार लगाई गई है. सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ता वकील शिव कुमार त्रिपाठी और CS पांडा ने याचिका दाखिल की है. बता दें कि त्रिपाठी ने ही सबसे पहले इस लखीमपुर कांड की जांच की गुहार भी लगाई थी. आशीष मिश्रा को जमानत दिए जाने के बाद विपक्ष के नेताओं समेत किसान नेताओं ने विरोध जताया था.
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लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा उर्फ मोनू की 15 फरवरी को 129 दिन बाद जेल से रिहाई हुई है. देश के गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा के बेटे आशीष मिश्रा को हाई कोर्ट से 10 फरवरी को जमानत मिली है. पिछले साल 3 अक्टूबर को लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में हुई हिंसा मामले में आशीष मिश्रा को 9 अक्टूबर के दिन गिरफ्तार किया गया था.
लखीमपुर हिंसा की जांच कर रही एसआईटी ने 3 जनवरी को 5 हजार पन्नों की चार्जशीट दाखिल की थी. इसमें SIT ने आशीष मिश्रा को 'मुख्य आरोपी' बनाया था. दिसंबर में एसआईटी ने कहा था कि आशीष मिश्रा ने सोची समझी साजिश के तहत 4 किसानों की अपनी गाड़ी से कुचलकर हत्या कर दी थी.