उत्तर प्रदेश के कानपुर बर्रा अपहरण कांड के पीड़ित परिवार से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने मुलाकात की. सपा ने संजीत के परिवार को 5 लाख रुपये की आर्थिक मदद की. वहीं सपा प्रदेशाध्यक्ष नरेश उत्तम ने यूपी की योगी सरकार से 50 लाख का मुआवजा देने की भी मांग की हैं. इसके साथ ही उन्होंने कहा कि यूपी में जंगलराज है अफसर सीएम तक की बात नहीं सुनते.
बता दें कि कानपुर के बर्रा से करीब एक माह पहले लैब टेक्नीशियन संजीत यादव का अपहरण फिरौती के लिए उसके दोस्त ने अपने साथियों के साथ मिलकर किया था. उन्होंने यादव की हत्या कर लाश को पांडु नदी में फेंक दिया था. इस मामले में पुलिस ने पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. वहीं आज इस मामले में योगी सरकार ने कार्रवाई करते हुए 7 पुलिसकर्मियों को निलंबित कर दिया गया है.
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वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक दिनेश कुमार पी ने बताया कि बर्रा से अपहरण किए गए युवक की 23 जून को गुमशुदगी की शिकायत लिखी गई थी. इसके बाद 26 जून को उसे एफआईआर में तब्दील किया गया. 29 जून को परिजनों के पास फि रौती के लिए कॉल आया था. मामले में सर्विलांस और क्राइम ब्रांच की टीमों को मामले में लगाया गया था.
पुलिस की टीम ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है. इसमें दो लोग संजीत के खास दोस्त थे, जिन्होंने संजीत के साथ पहले अन्य पैथोलॉजी में काम किया था. उन्होंने कबूल किया है कि उन्होंने 26 या 27 जून को ही संजीत की हत्या कर दी थी. इसके बाद शव को पांडू नदी में फेंक दिया था. इस मामले में 4 पुरूषों और एक महिला को गिरफ्तार किया गया है. वहीं शव को बरामद करने के लिए टीमें बनाई गई हैं.
लैब टेक्नीशियन के रिश्तेदार का दावा है कि उन्होंने अपहरणकर्ताओं को 30 लाख रुपये की फिरौती दी है. लेकिन कानपुर रेंज के आईजी मोहित अग्रवाल का कहना है कि अब तक की जांच के अनुसार हमने पाया है कि कोई फिरौती नहीं दी गई है. फिर भी हम सभी पहलुओं से मामले की जांच कर रहे हैं.
गौरतलब है कि कानपुर बर्रा निवासी चमन सिंह यादव के इकलौते बेटा संजीत कुमार का 22 जून की शाम अपहरण हो गया था. दूसरे दिन परिजनों ने पूर्व थाना प्रभारी रणजीत राय को बेटे के लापता होने की बात बताई थी लेकिन इसके बाद भी कुछ नहीं हो पाया.