समाजवादी पार्टी (सपा) के सांसद आजम खां, उनकी पत्नी और बेटे अब्दुल्ला को सीतापुर जेल में लाए जाने के खिलाफ दायर याचिका अदालत ने खारिज कर दी है. अब इन सभी को परिवार सहित सीतापुर जेल में ही रहना होगा. अदालत ने प्रशासन को यह फैसला करने के लिए स्वतंत्र कर दिया है. प्रशासन यदि चाहेगा तो विधायक डॉ. तंजीन फातिमा को रामपुर जेल में शिफ्ट किया जा सकता है.
जिला शासकीय अधिवक्ता सिविल अजय तिवारी और सहायक जिला शासकीय अधिवक्ता फौजदारी राम औतार सिंह सैनी ने बताया कि अदालत ने सांसद के अधिवक्ता की आपत्ति को खारिज कर दिया है.
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जेल शिफ्टिंग को लेकर सांसद आजम खां के अधिवक्ता ने अदालत में आपत्ति दायर की थी. अधिवक्ता का कहना था कि सांसद और उनके परिवार को नियम विरुद्ध तरीके से सीतापुर जेल में शिफ्ट किया है. कोर्ट से इसकी अनुमति भी नहीं ली गई है. दूसरी ओर, अभियोजन पक्ष का कहना था कि सुरक्षा कारणों से सांसद और उनके परिवार को शिफ्ट किया गया था. इस मामले में बुधवार को अदालत ने फैसला सुनाया.
सांसद आजम खां और उनका परिवार धोखाधड़ी के मुकदमे में सीतापुर जेल में बंद हैं. यह मुकदमा उनके बेटे अब्दुल्ला आजम के दो जन्मप्रमाण बनवाने को लेकर है. इसी मुकदमे में हाजिर न होने पर कोर्ट ने तीनों की कुर्की के आदेश कर दिए थे. इसके बाद 26 फरवरी, 2020 को सांसद, उनकी पत्नी और बेटे ने धोखाधड़ी के मामले में समर्पण किया था. कोर्ट ने तीनों को न्यायिक अभिरक्षा में जिला कारागार रामपुर भेज दिया था. 27 फरवरी, 2020 की सुबह पांच बजे ही तीनों को सीतापुर जेल ले जाया गया.
Source : News State