सपा नेत्री रुबीना खानम को बयानबाजी करना पड़ा भारी, जानें कैसे

अलीगढ़ की समाजवादी पार्टी महानगर अध्यक्ष पद पर तैनात रही सपा नेत्री रुबीना खानम को आए दिन बिना अनुमति के बयानबाजी करना इतना भारी पड़ गया.

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Deepak Pandey
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सपा नेत्री रुबीना खानम को बयानबाजी करना पड़ा भारी( Photo Credit : File Photo)

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अलीगढ़ की समाजवादी पार्टी महानगर अध्यक्ष पद पर तैनात रही सपा नेत्री रुबीना खानम को आए दिन बिना अनुमति के बयानबाजी करना इतना भारी पड़ गया कि शनिवार को सपा के मुखिया अखिलेश यादव की स्वीकृति पर सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने रुबीना खान को अनुशासनहीनता की बात कहते हुए पद मुक्त कर दिया है. पत्र जारी होने के बाद सपा नेत्री रुबीना खानम ने कड़े शब्दों में कहा है कि जिस देश में मैं रहती हूं, उस देश की बात मुझे करनी चाहिए और ऐसा करने पर पार्टी ने मुझे पद मुक्त किया है, लेकिन ऐसी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से मैं हर ताल्लुक तोड़ती हूं.

गौरतलब है कि सपा नेत्री रुबीना खानम ने हाल ही में 18 मई को एक वीडियो बयान जारी किया था, जिसमें ज्ञानवापी मस्जिद को लेकर कहा था, हमारे मुस्लिम धर्म गुरुओं को सोचना चाहिए, अगर हमारे किसी शासक ने बलपूर्वक मंदिर पर कब्जा कर मस्ज़िद बनाई थी तो हमें इसे छोड़ देना चाहिए, दूसरे धर्म की आस्था को कुचलकर मस्जिद बनाना इस्लाम के सिद्धांतों का उलंघन है. सुप्रीम कोर्ट के समक्ष पूरे विवाद की न्याय संगत निष्पक्ष जांच हो, अगर जांच में यह सिद्ध होता है कि यहां प्राचीन मंदिर था, तो स्वेच्छा से मस्जिद दूसरी जगह स्थान्तरित कर हिंदुओं को ज्ञानवापी की जमीन लौटा कर गंगा जमुनी संस्कृति की मिसाल पेश करेंगे.

क्या था पुराना बयान?

वहीं, इससे पहले 18 अप्रैल को लाउडस्पीकर मामले पर विवादित बयान देकर एकदम से चर्चाओं में आ गई थीं. उस वक्त रुबीना खानम ने जारी बयान में कहा था कि हिंदूवादियों ने अगर मुस्लिम धर्म को टारगेट कर मस्जिदों पर लगे लाउडस्पीकर उतरवाने की कोशिश की तो सैकड़ों महिलाएं मंदिरों के सामने बैठकर प्रदर्शन करते हुए कुरान पढ़ेंगी. इस बयान की दोनों ही धर्मों के लोगों ने आलोचना की थी.

पार्टी से निकाले जाने के बाद क्या बोली रुबीना खानम?

शनिवार को समाजवादी पार्टी महिला महानगर अध्यक्ष के पद से हटने के बाद रुबीना खानम का बयान सामने आया. उन्होंने कहा कि अभी अभी मेरे पास एक लेटर आया है, जिसमें लिखा हुआ है. अनुशासनहीनता को देखते हुए पार्टी आपको पद मुक्त कर रही है. सभी समुदाय की बात करना, पूरे देश की बात करना, सच और इंसाफ की बात करना, मुसलमानों की बात करना, हिंदुओं के सम्मान की बात करना यह अनुशासनहीनता कब से हो गया है? मुझे हैरानी इस बात की है, कि मुझे उन्होंने पद मुक्त इसलिए किया है कि मैंने अनुशासनहीनता की है. ऐसी अनुशासनहीनता तो मैं बार-बार करना चाहूंगी. अब मेरा समाजवादी पार्टी में भी रहने का कोई मतलब नहीं है. ऐसी पार्टी में तो मैं खुद नहीं रहना चाहती. 

उन्होंने आगे कहा जहां मुझे सच बोलने का अधिकार ना हो. जहां मैं हिंदू भाइयों की बात नहीं कर सकती. जहां मैं देश की बात नहीं कर सकती. पहले मैंने इस पार्टी में रहते हुए तुष्टीकरण की राजनीति की. सिर्फ एक तरफ एक वर्ग विशेष की राजनीति की, लेकिन जब मुझे ज्ञान हुआ, मेरी आत्मा ने और मेरे जमीर ने कहा कि मैं जिस देश में रहती हूं उस देश की बात करनी चाहिए. जिस देश का मैंने नमक खाया है, उस देश की बात करनी चाहिए. मुझे किसी पार्टी की बात नहीं करनी चाहिए. 

अरे सबसे बड़ी बात तो यह है, जिस पार्टी में बहू का सम्मान नहीं हो सका, अर्पणा यादव का सम्मान नहीं हो सका, वह पार्टी मेरा क्या सम्मान करेगी? ऐसी पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा देती हूं. ऐसी पार्टी में कभी रहना नहीं चाहूंगी. मैंने अपने दिल की बात कह दी तो मुझे पार्टी से पद मुक्त कर दिया गया है. रुबीना को आज प्रदेश अध्यक्ष द्वारा पद मुक्त किया गया है.

Source : News Nation Bureau

Akhilesh Yadav Samajwadi Party SP SP leader Rubina Khanum
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