उत्तर प्रदेश में दलबदलुओं के पौ बारह है. हर दल एक दूसरे दल के नेताओं को अपनी पार्टी में शामिल कराकर अपने को सबसे आगे दिखाने की कोशिश में लगा है. दूसरी तरफ टिकट न मिलने की संभावना देखते हुए कई नेता पहले ही दूसरे दल में शामिल हो रहे हैं. सोमवार को आंबेडकरनगर जिले की जलालपुर विधानसभा से समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक सुभाष राय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल हो गए. भाजपा मुख्यालय में उन्होंने उत्तर प्रदेश के दोनों उपमुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य और दिनेश शर्मा, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह और भाजपा मीडिया विभाग के प्रभारी अनिल बलूनी की मौजूदगी में भगवा दल की सस्यता ग्रहण की.
भाजपा प्रदेश अध्यक्ष सिंह ने राय का पार्टी में स्वागत करते हुए दावा किया कि उत्तर में आज कानून का राज है तथा वहां राष्ट्रवाद और विकास की बयार चल रही है. उन्होंने कहा, ‘‘आज उत्तर प्रदेश में जो वातावरण निर्मित हुआ है, उसे देखते हुए सुभाष राय भाजपा में शामिल हुए हैं. यह उनकी घर वापसी है. उनके आने से भाजपा अंबेडकरनगर जनपद में और मजबूत होगी.’’
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आंबेडकरनगर जिला बसपा सुप्रीमो बहन मायावती का संसदीय क्षेत्र रहा है. एक समय यह जिला बसपा का गढ़ रहा. लेकिन अब जिले में सपा और भाजपा मुख्य प्रतिद्दंदी हैं. उल्लेखनीय है कि 2017 के विधानसभा चुनाव में जलालापुर से बहुजन समाज पार्टी (बसपा) के टिकट पर रितेश पांडेय विधायक चुने गए थे. वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में बसपा ने उन्हें अंबेडकरनगर संसदीय सीट से अपना उम्मीदवार बना दिया. चुनाव में जीत दर्ज के बाद उन्होंने विधानसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. इसके बाद जलालापुर सीट पर हुए उपचुनाव में सुभाष राय सपा के टिकट पर विधायक निर्वाचित हुए थे.
सांसद रितेश पांडेय के पिता राकेश पांडेय हाल ही में समाजवादी पार्टी में शामिल हो गए हैं. वह वर्ष 2002 में सपा के टिकट पर जलालपुर से विधायक भी निर्वाचित हुए थे. सपा में शामिल होने से उनका जलालपुर से टिकट लगभग तय माना जा रहा है. सपा से टिकट न मिलने की संभावना देखते हुए सुभाष राय ने भाजपा का दामन थाम लिया है. ऐसे में अब जलालपुर विधानसभा की चुनावी लड़ाई दिलचस्प हो गयी है.