इलाहाबाद हाईकोर्ट में 23 जून को कौशाम्बी की सिराथू विधानसभा सीट से सपा विधायक पल्लवी सिंह पटेल की याचिका की सुनवाई होगी. उन्होंने निर्वाचन आयोग की नोटिस को चुनौती दी है. यह आदेश न्यायमूर्ति सुनीता अग्रवाल एवं न्यायमूर्ति विक्रम डी चौहान की खंडपीठ ने दिया है. पल्लवी पटेल पर 2022 विधानसभा चुनाव में नामांकन पत्र में अपने खिलाफ दर्ज आपराधिक मुकदमे की जानकारी छिपाने का आरोप है. सिराथू के दिलीप पटेल की इसी शिकायत पर निर्वाचन आयोग ने मामले में संज्ञान लिया. उसके बाद एसडीएम सिराथू ने पल्लवी को 18 और 25 मई, तीन जून को नोटिस देकर स्पष्टीकरण मांगा है. याचिका में इसी नोटिस को चुनौती दी गई है.
आरोप है कि विधानसभा चुनाव के दौरान उन्होंने अपने नामांकन पत्र में अपने खिलाफ दर्ज मुकदमों की जानकारी छिपाई और क्षेत्र के मतदाताओं को गुमराह कर अपने पक्ष में वोट हासिल किए. शिकायत में कहा गया है कि पल्लवी पटेल और उनके पति के खिलाफ लखनऊ में फर्जी दस्तावेजों के जरिए फ्लैट हड़पने का मुकदमा गोमतीनगर थाने में दर्ज है. इसके अलावा कानपुर में भी पैतृक मकान हड़पने का मुकदमा वहां की अदालत में चल रहा है. बीते विधानसभा चुनाव में अपने नामांकन फॉर्म में उन्होंने ये जानकारियां छिपाई हैं.
पल्लवी पटेल पर यह भी आरोप लगाया है कि उन्होंने अपनी मां को राज्यसभा का सांसद बनाने का प्रलोभन देकर परिवारिक संपत्ति हड़पने का प्रयास किया और चुनाव के दौरान चंदे में मिली रकम अपनी ससुराल जबलपुर भेज दी. इसी प्रकार उन्होंने अपना दल कमेरा पार्टी का राष्ट्रीय उपाध्यक्ष होते हुए समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ा और विधायक निर्वाचित हुईं. इस प्रकार वर्तमान में वह दो दलों का प्रतिनिधित्व कर रही हैं, जो निर्वाचन आयोग के नियमों के विपरीत है.
Source : Manvendra Singh