स्वतंत्रता दिवस के 75 वर्ष पूरे होने पर जहां एक तरफ पूरे देश में अमृत महोत्सव और हर घर घर तिरंगा अभियान चल रहा है, तो दूसरी तरफ बनारसी साड़ी बनाने वाले बुनकरों ने स्वतंत्रता दिवस पर दो अनोखी साड़ी बनाई है. एक साड़ी में तिरंगा है और जिसमें अखंड भारत का नक्शा भी शामिल है. और दूसरी साड़ी में पूरे विश्व में बनारसी साड़ी का डंका बजाने वाले ये बुनकर चाइना रेशम का विरोध कर स्वदेशी रेशम अपनाने की मुहिम को भी आगे बढ़ाने की बात कर रहे है. इसी संदेश के साथ उन्होंने साड़ी पर उकेर दिया है बॉयकॉट चाइना.
बनारसी साड़ी में अखंड भारत की झलक
आजादी के इस अमृत महोत्सव पर काशी के बुनकरों ने डेढ़ महीने तक हैंडलूम पर मेहनत कर अद्भुत तिरंगा साड़ी तैयार की हैं जिसमें उन्होंने अखंड भारत को दर्शाया है. साड़ी बनाने वाले सर्वेश श्रीवास्तव कहते है कि इस साड़ी को आजादी के 75 वर्ष पूरे होने बुनकरों ने अपनी कला के माध्यम से भारत माता को नमन किया है. इस साड़ी की खासियत ये है कि इस साड़ी को भारतीय कटान एवम भारतीय टिसू और गोल्डन जरी के द्वारा तैयार किया गाया है.
बायकॉट चाइना मुहिम को समर्थन
इस तिरंगे साड़ी के साथ-साथ वाराणसी के बुनकरों ने एक और साड़ी तैयार की है, जिसमें चाइना से आने वाले रेशम का विरोध किया गया है. बुनकरों का कहना है कि सभी स्वदेशी रेशम का उपयोग करना चाहिए. तब ही हम आगे बढ़ पाएंगे. इसलिए हम इस स्वतंत्रा दिवस बॉयकॉट चाइना की साड़ी बनाकर यही संदेश दे रहे है. इस साड़ी को बनाने में डेढ़ महीने से भी अधिक समय लगा है और इस साड़ी के माध्यम से आजादी के दिन को स्वदेशी रूप से मानने की बात भी बुनकर कहते है. इस साड़ी को बनाने में लगभग ग्यारह हजार रुपए का खर्च आया है.
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आजादी के इस अमृत महोत्सव में हर घर तिरंगे के इस महोत्सव के बीच बनारस के बुनकरों के द्वारा बनारसी साड़ी में बना तिरंगा और अखंड भारत का नक्शा आजादी की खुशी को और भी बढ़ाता है. इसके साथ ही इस स्वतंत्रा दिवस पर चाइनीज रेशम से भी आजादी के लिए काशी के बुनकरों ने जंग का एलान कर दिया.
HIGHLIGHTS
- बुनकर कर रहे चीनी रेशम का विरोध
- बनारसी साड़ी पर बनाया अंखड भारत का नक्शा
- साड़ी के माध्यम से चाइनीज सामान के बायकॉट की अपील