उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महिला सशक्तिकरण और महिला सुरक्षा के बारे में स्थानीय स्तर पर लोगों को जागरूक करने की आवश्यकता है. इसके लिए राज्य महिला आयोग को जमीनी स्तर पर एक समिति का गठन करके ठोस कार्ययोजना बनानी चाहिए. इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में उत्तर प्रदेश राज्य महिला आयोग द्वारा आयोजित महिला जागरूकता कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मंगलवार को कहा, "अगर उत्तर प्रदेश के परिप्रेक्ष्य में कहूं, तो यहां महिला आयोग के लिए अनेक कार्य हैं. जागरूकता के कार्यक्रमों के साथ अगर वे स्वयं जुड़ जाएं, तो हमारी ताकत कई गुना बढ़ सकती है. साथ ही महिला सुरक्षा के मुद्दे पर कभी-कभी खड़े होने वाले प्रश्नों पर विराम लगाया जा सकता है."
उन्होंने कहा कि महिला आयोग को सरकार द्वारा चलाई जा रही महिलाओं से जुड़ी योजनाओं के बारे में भी जागरूक करना चाहिए. इससे महिला सशक्तिकरण के अभियान को एक नई ऊंचाई तक पहुंचाया जा सकेगा.
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मुख्यमंत्री ने कहा, "स्वच्छ भारत मिशन में प्रत्येक परिवार के पास शौचालय हो, यह स्वास्थ्य के साथ ही नारी गरिमा के लिए भी महत्वपूर्ण है, जिसे लागू करने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सफल हुए हैं."
उन्होंने कहा, "हमारी सरकार ने 1090 हेल्पलाइन नंबर को डायल 112 के साथ इंटिग्रेटेड किया है. अगर कोई महिला 1090 या 112 पर कॉल करती है, तो उसे कहीं भी तत्काल सहायता प्राप्त हो सकती है."
मुख्यमंत्री ने कहा कि महिलाओं से संबंधित हेल्पलाइन नंबर या अन्य योजनाएं महिला सुरक्षा के लिए हैं, जिसके बारे में महिलाओं को अवगत कराना चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रदेश में बालक और बालिकाओं के बीच भेदभाव ना हो, इसको लेकर भी लोगों को जागरूक करना चाहिए.
योगी ने कहा, "महिलाओं से संबंधित अपराधों की सुनवाई के लिए उत्तर प्रदेश सरकार 218 फास्ट ट्रैक अदालतों का निर्माण करवा रही है और इसमें 74 कोर्ट पॉक्सो एक्ट से संबंधित हैं."
मुख्यमंत्री योगी ने कहा कि विगत 6 महीनों के दौरान महिला संबंधी अपराधों में संलिप्त अपराधियों को कड़ी सजा दिलवाने में सरकार सफल रही है.
Source : News State