सरकार ने राज्य के कुछ चुनिंदा बस स्टेशनों को मेट्रो की तर्ज पर विकसित किया जाएगा. पहले चरण में प्रदेश के सभी जिलों के एक-एक बस स्टेशन को अत्याधुनिक स्वरूप दिया जाएगा. इन स्टेशनों को पीपीपी (पब्लिक प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल से विकसित किया जाएगा. इसके लिए परिवहन विभाग जल्दी ही निजी क्षेत्रों से संवाद कर यथाशीघ्र एक अच्छी योजना तैयार कर मुख्यमंत्री के सामने प्रस्तुत करेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ इस बाबत निर्देश दे चुके हैं. धीरे-धीरे सभी बस अड्डों को स्मार्ड बनाने की की दिशा में प्लानिंग की जा रही है. उनकी मंशा शुरू से ही आवागमन को सुखद बनाने की रही है. इसी मकसद से जिन शहरों में मेट्रो है उनमें उनका विस्तार होगा.
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नए शहरों में मेट्रो, एयर कनेक्टिविटी में विस्तार और एक्सप्रेसवेज का निर्माण हो रहा है. लोगों के आवागमन को सुखद बनाने के इस क्रम में यह भी सच है कि आज भी अधिकांश लोग परिवहन के साधन के रूप में रोडवेज का ही इस्तेमाल करते हैं. एक्सप्रेसवे के विस्तार के साथ अब तो लंबी दूरी की यात्रा भी लोग रोडवेज बसों से करने लगे हैं. सरकार की योजना हर गांव को प्रधानमंत्री सड़क योजना के जरिए पास की मुख्य सड़क से जोड़ने के साथ 2000 नई बसों के जरिए हर गांव को रोडवेज की सुविधा से जोड़ने की भी है. इन सभी वजहों से सरकार बस बेड़ों में इसी वजह से लगातार विस्तार भी कर रही है. इसमें अत्याधुनिक किस्म की भी बसें हैं.
कहा जाता है कि आगाज अच्छा है तो अंजाम भी अच्छा ही होगा. रोडवेज से यात्रा करने वालों की विभाग के प्रति पहली धारणा बस स्टेशन से ही बनती है. लोंगों को सुगम, सहज और सुखद परिवहन सेवा मुहैया कराने के लिए नीतिगत सुधार भी होंगे. यही नहीं मुख्यमंत्री का यह भी निर्देश है कि आम आदमी को सुगम, सहज और सुखद परिवहन सेवा मुहैया कराने के लिए परिवहन विभाग/निगम अपनी नीतियों में भी व्यापक सुधार करे. इसके लिए कुछ अभिनव प्रयोग भी अपेक्षित हैं.
पांच साल में वैश्विक स्तर के बनेंगे 25 बस स्टेशन
विधानसभा चुनाव के ठीक पहले जारी लोककल्याण संकल्प पत्र 2022 में भी परिवहन निगम की सुविधाओं के बाबत प्रतिबद्धता जताई गई थी. मसलन उसमें अगले पांच साल 25 बस डिपो को वैश्विक स्तर का बनाने की बात कही गई थी.
HIGHLIGHTS
- शुरूआत में कुछ चुनिंदा बस स्टेशन किये जाएंगे तैयार
- ट्रायल सफल होने पर अन्य स्टेशनों को भी बनाया जाएगा भव्य