देश में कोरोना महामारी के साथ ब्लैक फंगस (म्यूकॉरमायकोसिस) का भी कहर बनने लगा है. कमजोर इम्युनिटी और स्टेरॉयड को इसका जिम्मेदार बताया जा रहा है. डॉक्टरों की इस पर अलग अलग थ्योरी पेश की जा रही है, लेकिन सवाल ये उठ रहा है कि जिस तरह भारत में ब्लैक फंगस बेकाबू हो रहा है उस तरह किसी अन्य देश में नहीं देखा जा रहा. देशभर में अब तक कुल 11 हजार से अधिक ब्लैक फंगस के मामले सामने आ चुके हैं. कई राज्य पहले ही म्यूकोरमायकोसिस को महामारी अधिनियम के तहत अधिसूचित बीमारी घोषित भी कर चुके हैं. इसी बीच आगरा में सरोजिनी नायडू मेडिकल कॉलेज (एसएनएमसी) के डॉक्टरों ने एक नवजात शिशु का सफलतापूर्वक ऑपरेशन किया है, जिसमें ब्लैक फंगस या म्यूकोर्मिकोसिस के लक्षण थे. ईएनटी विभाग के प्रमुख अखिलेश प्रताप सिंह ने संवाददाताओं से कहा कि शनिवार शाम को जब 14 दिन की बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया था, तब उसके बाएं गाल पर काले धब्बे और छाले थे. हालांकि ऑपरेशन के बाद अब यह फंगल इंफेक्शन दूर हो गया है.
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उन्होंने कहा कि जब बच्ची को एसएनएमसी में भर्ती कराया गया था, तब उसके गुर्दे और दिल में कुछ समस्याएं थीं, उसका वजन भी कम था, लेकिन कोविड का कोई लक्षण नहीं था. डॉक्टर ने कहा कि नवजात अब खतरे से बाहर है और उसे बाल रोग विभाग के नवजात आईसीयू में स्थानांतरित कर दिया गया है और उसकी निगरानी की जा रही है. डॉ.सिंह के मुताबिक, एसएनएमसी में ब्लैक फंगस से अब तक एक मौत हुई है, जबकि चार अन्य की मौत कोरोना संक्रमण से हुई है. उन्होंने बताया कि अस्पताल में फिलहाल ब्लैक फंगस से पीड़ित 32 मरीजों का इलाज चल रहा है, जबकि आठ अन्य की जांच की जा रही है.
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HIGHLIGHTS
- शनिवार शाम को 14 दिन की बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया था
- सके बाएं गाल पर काले धब्बे और छाले थे
- ऑपरेशन के बाद अब यह फंगल इंफेक्शन दूर हो गया है
Source : IANS/News Nation Bureau