उत्तर प्रदेश सुन्नी सेंट्रल वक्फ बोर्ड (Uttar Pradesh Sunni Central Waqf Board) की महत्वपूर्ण बैठक सोमवार को लखनऊ में होगी. इस बैठक में उच्चतम न्यायालय के आदेश पर अयोध्या (Ayodhya) में मस्जिद बनाने के लिये सरकार द्वारा दी गयी जमीन लेने के मामले पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा. बोर्ड की बैठक में इस बात पर भी फैसला लिया जाएगा कि सरकार द्वारा दी जाने वाली जमीन पर मस्जिद (Masjid) ही बनेगी या कुछ और. हालांकि बोर्ड के अध्यक्ष जुफर फारूकी पहले ही कह चुके हैं कि वह उच्चतम न्यायालय (Supreme Court) के आदेश पर दी जा रही जमीन को लेने से इनकार नहीं कर सकते, लिहाजा माना जा सकता है कि इस बैठक में जमीन लेने के निर्णय पर मुहर लगना महज औपचारिकता ही होगी.
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उच्चतम न्यायालय ने गत 9 नवम्बर को अयोध्या मामले में फैसला सुनाते हुए विवादित स्थल पर राम मंदिर का निर्माण करने और सुन्नी वक्फ बोर्ड को मस्जिद निर्माण के लिये किसी प्रमुख स्थान पर पांच एकड़ जमीन देने के आदेश दिये थे. राज्य की योगी आदित्यनाथ कैबिनेट ने गत पांच फरवरी को अयोध्या जिले के सोहावल इलाके में सुन्नी वक्फ बोर्ड को पांच एकड़ जमीन देने का फैसला किया था. वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष फारूकी ने राज्य सरकार द्वारा अयोध्या में मस्जिद निर्माण के लिये दी गयी जमीन लेने के मुद्दे पर गत शुक्रवार को कहा था कि वह इसे लेने से इनकार नहीं कर सकते मगर यह बोर्ड पर निर्भर करता है कि वह उस भूमि पर मस्जिद बनाये या नहीं.
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फारूकी ने 'भाषा' से बातचीत में कहा था कि उन्होंने अयोध्या मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्णय का सम्मान करने की बात पहले ही कही थी. अब न्यायालय ने ही सरकार से मस्जिद के लिये जमीन देने को कहा है तो वह इससे इनकार नहीं कर सकते. उन्होंने बताया कि बोर्ड की बैठक में सरकार की तरफ से जमीन आबंटन के बारे में आये पत्र पर विचार-विमर्श किया जाएगा. साथ ही उस जमीन पर क्या चीज बनायी जाएगी, इस बारे में भी निर्णय लिया जाएगा. फारूकी ने मस्जिद के लिये ट्रस्ट बनाने की उपमुख्यमंत्री दिनेश शर्मा की पेशकश के बारे में पूछे जाने पर कहा कि सरकार ने अयोध्या में मंदिर के लिये ट्रस्ट का गठन उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर किया है. मस्जिद के लिये तो ऐसा कोई आदेश नहीं दिया गया है. बहरहाल, बोर्ड की बैठक में इस पेशकश पर भी गौर किया जाएगा.
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