वाराणसी के ज्ञानवापी मस्जिद के परिसर से जुड़े मामलों में शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. दरअसल, हिंदू पक्ष ने याचिका दायर करते हुए मांग की थी कि ज्ञानवापी से जुड़े सभी 15 मामलों को इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए जाएं. ताकि एक साथ ही सभी मामलों की सुनवाई हो सके. सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई के बाद मुस्लिम पक्ष को नोटिस जारी कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने मुस्लिम पक्ष से दो सप्ताह में जवाब दाखिल करने के लिए कहा है.
बता दें, वर्तमान में ज्ञानवापी से जुड़े नौ केस वाराणसी जिला जज और छह केस सिविल जज सीनियर डिवीजन, वाराणसी की अदालत में चल रहे हैं. याचिकाकर्ता लक्ष्मी देवी सहित तीन अन्य महिलाओं ने सुप्रीम कोर्ट में इस संबंध में पिछले माह याचिका दायर की थी.
उन्होंने कहा था कि ज्ञानवापी से जुड़े कुछ केस सिविल जज सीनियर डिवीजन और जिला जज की अदालत में लंबित है. पुनर्विचार याचिकाओं सहित कुछ और मामले इलाहाबाद हाईकोर्ट में चल रहे हैं. कुछ याचिकाएं जिला जज के यहां भी है. वहीं मूल वादों की सुववाई जिला जज कर रहे हैं. ऐसे में विरोधाभासी आदेश आ सकता है. इस वजह से विरोधाभासी आदेश आने की आशंका है.
याचिकाओं में कई अहम सवाल भी हैं
उन्होंने मांग की सभी मुकदमे इलाहाबाद हाईकोर्ट में ट्रांसफर किए जाएं. याचिका में मांग की गई थी कि हाईकोर्ट के तीन जजों की पीठ सभी मामले सुनकर फैसला करें. याचिकाकर्ताओं ने बताया कि इन्हीं 15 मुकदमों में कानून के सबसे महत्वपूर्ण सवाल भी शामिल हैं. इन केस का फैसला बड़ी अदालत को ही करना चाहिए.
ये हैं वे अहम सवाल
15 मुकदमों में ASI संबंधित सवाल, हिस्टोरिकल फेक्ट्स, संविधान के अनुच्छेद-300 ए की व्याख्या और और हिंदू-मुस्लिम पर्सनल लॉ जैसे अहम सवाल शामिल हैं. इसी वजह से सभी 15 मामलों की सुनवाई हाईकोर्ट में ही होनी चाहिए.