कानपुर बालिका आश्रय गृह मामाले में सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को स्थिति रिपोर्ट दाखिल करने के निर्देश दिए. उन्होंने मीडिया रिपोर्टों का हवाला देते हुए कहा कि कानपुर में एक आश्रय गृह में 50 से अधिक बच्चे संक्रमित हैं, जिन्हें COVID19 संक्रमित पाया गया है. वहीं मीडिया रिपोर्ट में यह बात भी निकलकर सामने आई थी कि उनमें से कुछ नाबालिग गर्भवती भी हैं. जो एड्स से भी संक्रमित है.
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राज्य महिला आयोग ने डीएम से तलब की थी रिपोर्ट
वहीं इससे पहले राज्य महिला आयोग (Women Commission) ने डीएम कानपुर से पूरे मामले की रिपोर्ट तलब की थी. कानपुर के राजकीय बालिका गृह (Girls Shelter Home) में 7 लड़कियों की गर्भवती होने की सूचना के बाद महिला आयोग ने रिपोर्ट तलब की थी. कोरोना जांच के दौरान 2 नाबालिगों के गर्भवती निकलने की सूचना मिली थी. दोनों नाबालिग 8 महीने की गर्भवती है. एक HIV पॉजिटव है, तो दूसरी हेपेटाइटिस सी से ग्रसित. दोनों गर्भवती नाबालिगों को जज्चा-बच्चा हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया था. स्वरूप नगर स्थित राजकीय बालिका गृह को पूरी तरह से सील कर दिया गया था. अबतक 57 बच्चियों और महिलाओं को कोरोना हुआ. प्रसाशन ने दावा किया था कि महिला संवासिनी गृह में संवासनियों को लाये जाने से पहले हुई मेडिकल जांच में सभी 7 गर्भवती थी. DM और कमिशनर ने भ्रामक ख़बर बताते हुए खंडन किया था.
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प्रियंका ने योगी सरकार पर साधा निशाना
वहीं इस मामले में कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी वाड्रा ने उत्तर प्रदेश सरकार पर निशाना साधा. प्रियंका ने सरकारी बाल संरक्षण गृह में दो लड़कियों के गर्भवती पाये जाने संबंधी एक मीडिया खबर को लेकर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि ऐसी घटना का सामने आना दिखाता है कि इस तरह के संस्थानों में जांच के नाम पर सब कुछ दबा दिया जाता है. प्रियंका गांधी द्वारा एक फेसबुक पोस्ट में टैग की गई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि कानपुर के सरकारी बाल संरक्षण गृह में कोरोना वायरस की जांच के दौरान पाया गया कि वहां रह रही दो लड़कियां गर्भवती थीं और उनमें से एक एचआईवी पॉजिटिव थी.