सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने सोमवार को लखीमपुर खीरी कांड के मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा की जमानत को खारिज कर दिया. सर्वोच्च अदालत ने एक सप्ताह में आशीष मिश्रा को कोर्ट में सरेंडर करने के आदेश दिए हैं. इस पर भारतीय किसान यूनियन के राष्ट्रीय प्रवक्ता राकेश टिकैत ने कहा कि हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है. राकेश टिकैत की मानें तो सुप्रीम कोर्ट लखीमपुर खीरी घटना की शुरू से ही मॉनिटरिंग कर रहा है और यूपी सरकार को फटकार भी लगाई है.
राकेश टिकैत ने कहा कि हमने बार बार ये कहा कि जो SIT की टीम गठित हुई है, उसने जो रिपोर्ट दी है, उसके आधार पर काम किया जाए. उत्तर प्रदेश सरकार ने ठीक काम नहीं करा तो ही अशीष मिश्रा को बेल मिली थी. आज सुप्रीम कोर्ट ने इसकी सुनवाई की तो उस जमानत को खारिज कर दिया. एक हफ़्ते में कोर्ट में सरेंडर दोबारा करने की बता कही है. हमें सुप्रीम कोर्ट से न्याय की उम्मीद है. जिस तरह से सुप्रीम कोर्ट शुरू से इसका संज्ञान ले रहा है तो हमें पूरी न्याय की उम्मीद है.
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राकेश टिकैत ने कहा कि हम 25 तारीख में लखीमपुर जा रहे हैं और वहां लखीमपुर में एक कमेटी बनायेंगे जो इसको देखेगी. सजा देने का अधिकार कोर्ट का है और जिस तरह का अपराध है उसी तरह की सजा दी जाती है.
आपको बता दें कि इस मामले में शुरू से ही किसान सरकार पर आरोपियों को बचाने का आरोप लगते आये हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि इस मामले का मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा केंद्रीय गृह राज्यमंत्री अजय कुमार मिश्रा उर्फ टेनी का बेटा है. उसे हाईकोर्ट से जमानत पर रिहा किया गया था. सोमवार को सुप्रीम कोर्ट के फैसले से अब किसानों को इस मामले में न्याय की आस जगी है.