मुजफ्फरनगर मामले में सुप्रीम कोर्ट का बड़ा सवाल, पूछा- बच्चे को धर्म के कारण पीटने का आदेश दिया?

क्या किसी बच्चे को उसके धर्म के कारण पीटने का आदेश दिया गया? स्कूलों में ये कैसी शिक्षा दी जा रही है? मुजफ्फरनगर मामले में सुप्रीम कोर्ट के बड़े सवाल...

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Sourabh Dubey
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Muzaffarnagar( Photo Credit : NEWS NATION)

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मुजफ्फरनगर की स्कूल में बच्ची की पिटाई मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा सवाल किया है. सुप्रीम कोर्ट ने पूछा है कि क्या किसी बच्चे को उसके धर्म के कारण पीटने का आदेश दिया गया? स्कूलों में ये कैसी शिक्षा दी जा रही है? दरअसल उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर कुछ दिन पहले एक स्कूल में हुए तप्पड़ कांड के बाद, पूरे देश में इसकी चर्चा हो रही है. अब सुप्रीम कोर्ट ने भी इस मामले में दखल देते हुए बड़ा बयान दिया है. सुप्रीम कोर्ट ने साथ ही कहा कि, जिस तरह से इस मामले में एफआईआर दर्ज की गई, उस पर हमें गंभीर आपत्ति है.

इस मामले  को संज्ञान में लेते हुए सुप्रीम कोर्ट ने एफआईआर पर सवाल उठाते हुए पूछा कि, पिता ने बयान में आरोप लगाया था कि धर्म के कारण उसको पीटा गया है. मगर मामले में दर्ज एफआईआर में इसका कहीं जिक्र क्यों नहीं है? सुप्रीम कोर्ट ने मामले में वीडियो ट्रांसक्रिप्ट को लेकर भी सवाल उठाए हैं. 

साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने मामले में चार्जशीट, सांप्रदायिकता और मामले की पड़ताल को लेकर भी कई सारे सवाल पूछे. सुप्रीम कोर्ट ने स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुजफ्फरनगर में पेश आया ये पूरा मामला, गुणवत्तापूर्ण शिक्षा से जुड़ा है. इसमें संवेदनशील शिक्षा भी शामिल हैं.

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस तरह के मामले प्रदेश में पेश आने से राज्य की अंतरात्मा को झकझोर देना चाहिए. इस मामले में वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी की निगरानी में जांच जरूरी है, साथ ही सवाल है कि इस मामले में चार्जशीट आखिर कब दाखिल की जाएगी? सुप्रीम कोर्ट का बड़ा सवाल है कि क्या इस मामले से जुड़े तमाम गवाहों और बच्चे को क्या सुरक्षा दी जाएगी?

मामले का जिक्र करते हुए, जस्टिस केएम नटराज ने इस मामले में सांप्रदायिक पहलू को बढ़ा-चढ़ाकर पेश करने की बात भी कही. साथ ही घटना के वक्त कुछ तो गंभीर होने का अंदेशा भी जताया. कानून की बात कहते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि यह आपराधिक कानून को लागू करने में विफलता का मामला है.

साथ ही साथ, ये गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के मौलिक अधिकारों और आरटीई एक्ट का भी सीधा उल्लंघन है. न सिर्फ इतना, बल्कि इस मामले में किसी बच्चे को शारीरिक दंड देने पर लगे प्रतिबंध वाले नियम का स्पष्ट तौर पर उल्लंघन किया गया है. 

फिलहाल सुप्रीम कोर्ट ने मामले को 30 अक्टूबर तक के लिए स्थगित कर दिया है. साथ ही साथ सुप्रीम कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को इस मामले से जुड़े छात्रों की काउंसलिंग पर रिपोर्ट दाखिल करने का आदेश दिया है. इसके अतिरिक्त पीड़ित बच्चे की शिक्षा की जिम्मेदारी लेने का भी निर्देश जारी किया है. 

Source : News Nation Bureau

Muzaffarnagar child slapping case UP Muslim boy slapped
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