कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. तुषार मेहता एसजी तुषार मेहता ने केंद्र सरकार के जवाब की जानकारी दी. कहा- केंद्र का मानना है कि हरिद्वार से गंगा जल लाने की इजाज़त नहीं होनी चाहिए, सिर्फ जगह जगह गंगा जल उपलब्ध कराया जाए. यूपी सरकार का कहना है कि उसकी ओर से सिर्फ प्रतीकात्मक यात्रा की इजाजत दी गई है. यूपी सरकार ने कहा-कम से कम लोगो की संख्या के साथ और कोविड प्रोटोकॉल का अनुसरण किया जाए. सुप्रीम कोर्ट ने कहा -यूपी सरकार अपने फैसले पर फिर से विचार करें. कहा - यात्रा को अनुमति देने के फैसले पर फिर से विचार करें. कोर्ट ने कहा - यूपी सरकार सोमवार तक हमे पुर्नविचार कर बताये वरना हमे आदेश पास करना होगा.
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यूपी सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में अपना पक्ष रखते हुए कि उत्तर प्रदेश प्रशासन कांवड़ यात्रा को लेकर कांवड़ संघों से बातचीत कर रहा है. कांवड़ संघ खुद यात्रा स्थगित करने का निर्णय ले सकते हैं. 9 जुलाई को ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कांवड़ संघों से बातचीत करने का निर्देश दिया था. सीएम योगी ने कहा था कि अधिकारी लोकल स्तर पर कांवड़ संघ से संवाद स्थापित कर पिछले साल की तरह निर्णय लेने का प्रयास करें. सीएम योगी ने था कहा कि महामारी व्यक्ति की जाति चेहरा और मजहब नहीं देखता है. एसीएस होम और डीजीपी को दूसरे राज्यों से संवाद स्थापित करने को कहा गया है.
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सुप्रीम कोर्ट ने आदेश में लिखवाया कहा - ये लोगों की ज़िंदगी से जुड़ा मसला है. लोगों की ज़िंदगी और उनका स्वास्थ्य सबसे उपर है.सबको जीवन का मौलिक अधिकार है. धार्मिक भावनाएं भी उसके बाद ही आती है. हम पहली नज़र में इस बात के पक्ष में नहीं कि यात्रा की अनुमति दी जा. यूपी सरकार सोचकर बताये कि यात्रा को अनुमति देनी है या नहीं. हम आपको सोमवार तक समय दे रहे हैं. नहीं तो हमको ज़रूरी आदेश देना पड़ेगा.
HIGHLIGHTS
- कांवड़ यात्रा पर सुप्रीम कोर्ट का सख्त रुख
- 'यूपी सरकार अपने आदेश पर पुर्नविचार करे'
- 'ये लोगों की ज़िंदगी से जुड़ा मसला है'