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अमेठी: पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह के बेटे ने कांग्रेस समर्थकों पर जताया हत्या का शक

अमेठी के बरौलिया गांव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के करीबी रहे पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की हत्या को उनके परिजनों ने राजनीतिक रंजिश करार दिया.

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Dalchand Kumar
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अमेठी: पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह के बेटे ने कांग्रेस समर्थकों पर जताया हत्या का शक
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अमेठी (Amethi) के बरौलिया गांव में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के करीबी रहे पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की हत्या को उनके परिजनों ने राजनीतिक रंजिश करार दिया. सुरेंद्र सिंह के बेटे ने कांग्रेस समर्थकों पर हत्या का शक जताया है. हाई प्रोफाइल मामला होने से जिले के प्रभारी मंत्री मोहसिन रजा अमेठी पहुंच रहे हैं. वहीं स्मृति ईरानी (Smriti Irani) के भी रविवार लगभग बजे वहां पहुंचने की संभावना है.

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पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह के बेटे ने कहा, 'मेरे पिता स्मृति ईरानी के करीबी सहयोगी थे और लगातार प्रचार करते थे. सांसद बनने के बाद विजय यात्रा निकाली गई. मुझे लगता है कि कुछ कांग्रेस समर्थकों को यह पसंद नहीं आया, हमें कुछ लोगों पर संदेह है.'

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उनके चचरे भाई राजेंद्र सिंह ने इलाके में प्रभाव रखने वाले सुरेंद्र बहुत मिलन सार थे. लोग उनसे प्रेम करते थे, जमीन पर उनकी पकड़ थी और इस वजह से उनकी हत्या की गई. सुरेंद्र सिंह के करीबी मुन्ना सिंह ने कहा कि इस लोकसभा चुनाव के बाद राजनीतिक रूप से उनका कद काफी बढ़ गया था. कुछ लोगों को उनकी तरक्की पसंद नहीं आ रही थी. उन्होंने आशंका जताई कि बढ़ती लोकप्रियता के कारण उनकी हत्या की गई.

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वहीं दूसरी ओर, उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि अमेठी में कल (शनिवार) देर रात पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में सात संदिग्ध लोगों को हिरासत में लिया गया है. बरौलिया के पूर्व प्रधान सुरेंद्र सिंह की हत्या के मामले में पुलिस को कुछ अहम सबूत हाथ लगे हैं. उन्होंने कहा कि अभी जांच चल रही है और हमें यकीन है, अगले 12 घंटों में हम दोषियों को पकड़ने में सफल होंगे. डीजीपी ओपी सिंह ने कहा कि इलाके में कानून-व्यवस्था दुरुस्त रखने के लिए पीएसी की तीन कंपनियां तैनात की गई हैं. 

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बता दें कि एक दिन पहले रात को सुरेंद्र सिंह (Surendra Singh) अपने घर के बाहर सो रहे थे, तभी अज्ञात बदमाशों ने उन पर हमला बोल दिया और गोली मारकर हत्‍या कर दी. उन्‍हें लखनऊ (Lucknow) के ट्रामा सेंटर ले जाया गया, जहां उनकी मौत हो गई. गौरतलब है कि बरौलिया गांव को मनोहर पर्रिकर (Manohar Parrikar) ने गोद लिया था.

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सुरेंद्र सिंह 2017 तक बीजेपी के जिला उपाध्यक्ष पद पर तैनात रहे थे. 2017 में उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव के दौरान नंदमहर में अखिलेश यादव की सभा के बाद वह समाजवादी पार्टी (सपा) में शामिल हो गए, लेकिन चुनाव के बाद फिर से वापस बीजेपी में शामिल हो गए थे. सुरेंद्र ने 2005 में पहला ग्राम पंचायत चुनाव लड़ा था. साल 2015 में पिछड़ा वर्ग के लिए सीट आरक्षित होने के बाद उन्होंने अपने करीबी राम प्रकाश वर्मा को चुनाव मैदान में उतारा था.

यह वीडियो देखें- 

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