उत्तर प्रदेश में चुनाव घोषित होने के बाद से नेताओं का एक दल छोड़कर दूसरे दल में जाने का सिलसिला शुरू हो गया है. कई नेता कांग्रेस, बसपा और लोकदल से किनारा कर समाजवादी पार्टी में शामिल हुए हैं. मंगलवार को स्वामी प्रसाद मौर्य का योगी आदित्यनाथ कैबिनेट से इस्तीफा देने की खबर सुर्खियों में है. ओबीसी समुदाय के बड़े नेता माने जाने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य ने श्रम मंत्री पद से इस्तीफा देकर समाजवादी पार्टी का दामन थाम लिया है.
स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में भाजपा के तीन और विधायकों ने पार्टी छोड़ने का ऐलान कर दिया है. तीन अन्य विधायाकों में बांदा (Banda) जिले की तिंदवारी विधानसभा से भाजपा के विधायक ब्रजेश प्रजापति, शाहजहांपुर की तिलहर सीट से विधायक रोशनलाल वर्मा और कानपुर के बिल्हौर से विधायक भगवती सागर शामिल हैं. तीनों विधायकों ने स्वामी प्रसाद मौर्य के समर्थन में बीजेपी को छोड़ा है. सूत्रों के मुताबिक मंत्री धर्मपाल सिंह सैनी, दारा सिंह चौहान और कुछ और विधायक भाजपा छोड़ सकते हैं. भाजपा छोड़ने वाले मंत्री-विधायकों के सपा में शामिल होने के कयास लगाए जा रहे हैं.
तिंदवारी विधानसभा से भाजपा विधायक ब्रजेश प्रजापति लंबे समय से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से नाराज चल रहे थे. कुछ दिनों पहले प्रजापति योगी के विरोध में पत्र लिखकर सुर्खियों में आए थे.
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स्वामी प्रसाद मौर्य के पार्टी छोड़ने के ऐलान से भाजपा को तगड़ा झटका लगा है. स्वामी प्रसाद मौर्य 2017 विधानसभा चुनाव के पहले ही बसपा छोड़ भाजपा में शामिल हुए थे. लेकिन मुश्किल से पांच वर्ष भाजपा में रहने के बाद एक बार फिर वह पार्टी बदलने जा रहे हैं. मौर्य का पूर्वी उत्तर प्रदेश के मौर्य-कुशवाहा बिरादरी पर अच्छा प्रभाव माना जाता है. उनकी पुत्री संघमित्रा बदायूं से भाजपा सांसद हैं.
उत्तर प्रदेश (UP) में विधानसभा चुनावों की घोषणा के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने बीजेपी को तगड़ा झटका दिया है. स्वामी प्रसाद मौर्य ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) का साथ छोड़कर समाजवादी पार्टी (सपा) का दामन थाम लिया है. अब ब्रजेश प्रजापति, रोशनलाल वर्मा और भगवती सागर भी सपा का ज्वॉइन करेंगे. शिकायतों पर सुनवाई नहीं हुई विधायक रोशन लाल ने भाजपा छोड़ते वक्त कहा कि योगी सरकार में उनकी 5 सालों तक की गई शिकायतों पर कोई सुनवाई नहीं हुई, जिसके चलते उन्हें यह निर्णय लेना पड़ा.
भाजपा छोड़ने के बाद स्वामी प्रसाद मौर्य ने भाजपा नेताओं पर निशाना साधा है. मौर्य ने कहा कि “उत्तर प्रदेश की राजनीति स्वामी प्रसाद मौर्य के चारों तरफ घूमती है. जिन नेताओं को घमंड था कि वो बहुत बड़े तोप हैं उस तोप को मैं 2022 के चुनाव में ऐसा दागूंगा, ऐसा दागूंगा कि उस तोप से भारतीय जनता पार्टी के नेता ही स्वाहा हो जाएंगे.”
मौर्य के इस्तीफे के बाद यूपी भाजपा में सन्नाटा पसर गया है. केंद्रीय नेतृत्व के निर्देश पर पार्टी से नाराज नेताओं को मनाने के लिए प्रदेश संगठन मंत्री सुनील बंसल और बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह को जिम्मेदारी दी गई है.
यूपी के उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य का कहना है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है, मैं नहीं जानता हूं. उनसे अपील है कि बैठकर बात करें. जल्दबाजी में लिए हुए फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं.
आदरणीय स्वामी प्रसाद मौर्य जी ने किन कारणों से इस्तीफा दिया है मैं नहीं जानता हूँ उनसे अपील है कि बैठकर बात करें जल्दबाजी में लिये हुये फैसले अक्सर गलत साबित होते हैं
— Keshav Prasad Maurya (@kpmaurya1) January 11, 2022
इससे पहले, सोमवार को उत्तर प्रदेश (UP) के बदायूं जिले की बिल्सी विधानसभा क्षेत्र (Bilsi Assembly Constituency) से विधायक आरके शर्मा ने समाजवादी पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली. इसके बाद से राजनीतिक गलियारों में तरह तरह की चर्चाएं हो रही हैं.
HIGHLIGHTS
- स्वामी प्रसाद मौर्य का योगी आदित्यनाथ कैबिनेट से इस्तीफा दे दिया है
- मौर्य के समर्थन में भाजपा के तीन और विधायकों का पार्टी छोड़ने का ऐलान
- नाराज नेताओं को मनाने के लिए सुनील बंसल और स्वतंत्र देव सिंह को जिम्मेदारी