केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक काशी तमिल संगमम का आयोजन किया जा रहा है. महीने भर चलने वाले काशी तमिल संगमम के दौरान, तमिलनाडु से काशी, उत्तर प्रदेश तक कुल 13 रेल कार्यरत रहेंगी. काशी तमिल संगमम के लिए 216 प्रतिनिधियों को ले जाने वाली पहली रेक रामेश्वरम, तमिलनाडु से शुरू हो रही है. काशी तमिल संगमम का उद्देश्य दो ज्ञान और सांस्कृतिक परंपराओं को करीब लाना, हमारी साझा विरासत को समझना और लोगों के बंधन को गहरा करना है.
तमिलनाडु से रवाना होने वाली पहली ट्रेन में भाग लेने के लिए रामेश्वरम से करीब 35, तिरुच्चिरापल्ली से 103 और चेन्नई एग्मोर से 78 प्रतिनिधि ट्रेन में सवार होंगे. तमिलनाडु के राज्यपाल 17 नवंबर को चेन्नई में प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करेंगे और ट्रेन को हरी झंडी दिखाएंगे.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के मुताबिक काशी और तमिलनाडु के बीच ज्ञान के सदियों पुराने बंधन और प्राचीन सभ्यतागत जुड़ाव को फिर से खोजने के लिए वाराणसी में 17 नवंबर से 16 दिसंबर तक महीने भर चलने वाला काशी तमिल संगमम कार्यक्रम आयोजित किया जा रहा है. आईआईटी और बीएचयू के कार्यक्रम के हिस्से के रूप में, भारतीय संस्कृति की दो प्राचीन अभिव्यक्तियों के विभिन्न पहलुओं पर विद्वानों के बीच अकादमिक आदान-प्रदान, सेमिनार, और साझा मूल्यों को सामने लाने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा.
इन ट्रेन सेवाओं में तमिलनाडु के 2592 प्रतिनिधि शामिल होंगे. प्रतिनिधि रामेश्वरम, कोयम्बटूर और चेन्नई से अपनी यात्रा शुरू करेंगे. ये ट्रेनें रास्ते में 21 स्टेशनों पर रुकेंगी. प्रत्येक रेक में 216 यात्री होंगे. काशी तमिल संगम 2022 आजादी का अमृत महोत्सव के हिस्से के रूप में भारत सरकार की एक पहल है. यह एक भारत श्रेष्ठ भारत की भावना का उत्सव होगा और तमिल भाषा के साथ-साथ संस्कृति का भी जश्न मनाएगा.
केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय का कहना है कि काशी तमिल संगमम के लिए एक महीने में तमिलनाडु से तकरीबन 2500 प्रतिनिधि काशी आएंगे व यहां से समृद्ध अनुभवों व यादगार प्रवास के बाद लौटेंगे. विभिन्न क्षेत्रों से लगभग 200 सदस्यों वाले 12 समूह काशी पंहुचेंगे. इन समूहों में शिक्षक, विद्यार्थी, कला, साहित्य, व्यापार, संस्कृति आदि के प्रतिनिधि होंगे.
काशी प्रवास के दौरान वे अपने समूह से संबंधित संवाद, परिचर्चा अथवा शैक्षणिक कार्यक्रम का हिस्सा बनेंगे साथ ही साथ श्री काशी विश्वनाथ धाम, श्री काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, गंगा घाट, गंगा आरती, सारनाथ समेत कई जगह देखेंगे. प्रख्यात शिक्षाविद् तथा भारतीय भाषा समिति के अध्यक्ष चमू कृष्ण ने बताया कि इस समय काशी तमिल संगमम के आयोजन का विशेष महत्व है. ये आयोजन तमिल कार्तिक मासम में हो रहा है, जब तमिलनाडु में लोग भगवान शिव के मन्दिर में दिया जलाते हैं. भले ही भाषा, रहन सहन तथा विचारों को लेकर कितनी भी विविधता क्यों न हो, हमारी एकता व एकात्मता का भाव सदैव बना रहा और यही विविधता हमें एक दूसरे के और करीब लाई.
Source : IANS