गठबंधन से नामंकन करने वाले तेज बहादुर यादव के वाराणसी से लोकसभा चुनाव लड़ने को लेकर संशय बढ़ गया है. पहले निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर नामांकन करने के बाद सपा के सिंबल पर दोबारा पर्चा भरने वाले तेज बहादुर के शपथ पत्र में नौकरी से बर्खास्त किये जाने को लेकर दो अलग अलग दावे किये गये हैं. इस मामले को वाराणसी के जिलाधिकारी/जिला निर्वाचन अधिकारी आईएएस सुरेन्द्र सिंह ने तेज बहादुर को नोटिस जारी करते हुए 1 मई दिन में 11 बजे तक का समय दिया है. नहीं तो नामंकन खारिज होगा.
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सोमवार को वाराणसी से सपा की प्रत्याशी रहीं शालिनी यादव (Shalini Yadav) ने भी नामांकन किया. शालिनी का टिकट काटकर तेजबहादुर यादव को दे दिया गया था. टिकट कटने को लेकर शालिनी यादव ने कुछ नहीं कहा. लेकिन उन्होंने बस इतना कहा कि अगर सपा प्रमुख कहेंगे तो वह अपना नामांकन वापस ले लेंगी. लेकिन अगर पार्टी की तरफ से नहीं कहा जाता तो वह अपना नामांकन वापस नहीं लेंगी और समाजवादी पार्टी की ओर से लड़ेंगी.
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आपको बता दें कि तेजबहादुर यादव ने बीएसएफ में खाने को लेकर शिकायत की थी. उन्होंने सोशल मीडिया पर वीडियो डाल कर बताया था कि बीएसएफ में उन्हें अच्छी गुणवत्ता वाला भोजन नहीं मिलता है. जिसके बाद बीएसएफ पर काफी सवाल उठे थे. बाद में बीएसएफ ने अनुशासनात्मक कार्रवाई करते हुए तेजबहादुर यादव को बर्खास्त कर दिया. बाद में उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के सामने चुनाव लड़ने का फैसला किया.
26 अप्रैल को पीएम मोदी ने नामांकन किया है. उससे पहले उन्होंने बृहस्पतिवार को वाराणसी में मेगा रोड शो किया और विपक्षी दलों को भाजपा की ताकत दिखाने का प्रयास किया. वाराणसी लोकसभा का मतदान सातवें और अंतिम चरण में होगा. आखिरी चरण का मतदान 19 मई को होगा.
Source : News Nation Bureau