उत्तर प्रदेश के लखीमपुर जिले में धौरहरा क्षेत्र के रामउपुर गांव में गुरुवार को एक खेत से एक हिस्ट्रीशीटर का शव बरामद हुआ है. जाहिर होता है कि स्थानीय लोगों ने पीट-पीटकर उसकी हत्या की है, लेकिन ग्रामीणों ने इससे अनभिज्ञता जताई है. पुलिस के अनुसार, तीन लुटेरे एक स्थानीय व्यक्ति के घर में घुसे थे, लेकिन जब उन्होंने भागने का प्रयास किया, तो उनमें से एक को ग्रामीणों ने पकड़ लिया.
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मृतक की पहचान निघासन क्षेत्र के पठाननपुरवा गांव के रहने वाले रफीक के रूप में हुई है, जो हाल ही में जेल से छूटा था. ग्रामीणों ने दावा किया कि तीन हथियारबंद लुटेरों ने गांव के एक घर में सेंधमारी की और जब घर के मालिक ने शोर मचाया तो गोलियां चला दी. रफीक (42) एक कुख्यात अपराधी था और उस पर लखीमपुर और उसके आस-पास के जिलों में लूट, आर्म्स एक्ट के उल्लंघन आदि के लिए लगभग 40 मामले दर्ज थे.
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मृतक की पत्नी तरन्नुम ने पत्रकारों को बताया कि मार्च में जमानत पर रिहा होने के बाद से रफीक घर में ही रह रहा था. बुधवार की शाम, वह कुछ घंटों में वापस आने की बात कह कर निकला था, लेकिन कभी वापस नहीं आया. धौरहरा स्टेशन हाउस ऑफिसर (एसएचओ) हरिओम श्रीवास्तव ने कहा कि हम यह पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं कि क्या रफीक की हत्या अपने साथियों के साथ डकैती की कोशिश के दौरान हुई थी. ग्रामीण बात करने से इनकार कर रहे हैं और हमारे सूत्रों ने कहा है कि रफीक को तब पीट-पीट कर मार डाला गया था जब उसने गोली चलाई. लेकिन, हमें अभी तक निर्णायक सबूत जुटाना बाकी है. वह एक हिस्ट्रीशीटर था और कई मौकों पर जेल जा चुका था. हमने पोस्टमार्टम के लिए उसका शव भेज दिया है, और जांच के बाद कार्रवाई करेंगे.
Source : IANS