राष्ट्रीय स्वंयसेवक संघ (आरएसएस) प्रमुख मोहन भागवत ने रविवार को कहा कि जब आरएसएस कार्यकर्ता कहते हैं कि यह हिंदुओं का देश है, तो इसका मतलब है कि देश के 130 करोड़ लोग हिंदू हैं. बरेली में रविवार को एक समारोह में उन्होंने कहा, "यह कहना कि सभी हिंदू हैं, हम किसी के धर्म, भाषा या जाति को बदलना नहीं चाहते..हम संविधान से अलग सत्ता का कोई केंद्र नहीं चाहते, क्योंकि हम इसमें विश्वास करते हैं. हिंदुत्व एक समग्र दृष्टिकोण है और हम मानते हैं कि सभी के पूर्वज हिंदू थे. यह विविधता में एकता है और भावनात्मक अखंडता से चिन्हित है."
भागवत ने कहा कि देश संविधान से चलता है, जो राष्ट्र के लिए उज्जवल भविष्य की परिकल्पना करता है. उन्होंने कहा, अगर आप संविधान का अध्ययन करते हैं तो आपको एहसास होगा कि हर पृष्ठ देश के लिए प्रेरणा है. संविधान हमें हमारी शुरुआत और हमारा लक्ष्य बताता है."
उन्होंने कहा कि हमें इजरायल से सीखने की जरूरत है, जिसने अपने आजादी के लिए लड़ाई की और आज दुनिया के प्रमुख देशों में से एक है.
आरएसएस प्रमुख ने जनसंख्या नियंत्रण पर अपने बयान पर भ्रम की स्थिति को भी स्पष्ट किया और कहा, "मैंने सिर्फ यह कहा था कि जनसंख्या समस्या के साथ-साथ संसाधन भी है, इसलिए इस संबंध में एक नीति का मसौदा तैयार किया जाना चाहिए. नीति तय करेगी कि किसी के कितने बच्चे होने चाहिए. मैंने इस तरह का कोई नियम नहीं बनाया, क्योंकि यह मेरा काम नहीं है."
Source : News Nation Bureau