कोरोना महामारी ने हर किसी को झकझोर के रख दिया है. जिसके चलते पूरे देश में 21 दिनों का लॉकडाउन कर दिया है. केंद्र और राज्य सरकार इस महामारी को दूर भगाने के लिए पूरी कोशिश कर रही है. लेकिन कुछ लोग ऐसे काम कर रहे हैं, जिसके चलते मानवता शर्मसार होती है. यूपी के स्वास्थ्य कर्मचारियों के कृत्य से हर कोई आहत है. सरकार के एक्शन का इन कर्मचारियों पर कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है. नोएडा में दो रोगियों की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बावजूद, उन्हें एडमिट करने की बजाए अस्पताल से दूर भगा दिया.
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देश ही नहीं पूरी दुनिया खौफजदा है
कोरोना के कहर से पूरा विश्व खौफ में है. इस महामारी ने अबतक हजारों लोगों को मौत की नींद सुला दी है. देश ही नहीं पूरी दुनिया खौफजदा है. लेकिन ग्रेटर नोएडा के सरकारी अस्पताल को शायद इसकी कोई परवाह नहीं है. आरोप है कि उसने कोरोना पीड़ित दो मरीजों को अपने यहां भर्ती करने के बजाए, उन्हें वहां से भगा दिया. अब इस दंपती का इलाज गाजियाबाद के जिला अस्पताल में चल रहा है.
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पति-पत्नी ग्रेटर नोएडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती थे
पति-पत्नी ग्रेटर नोएडा के सरकारी अस्पताल में भर्ती थे. वहां उनका टेस्ट कोरोना पॉजिटिव आया. लेकिन गाजियाबाद के इस दंपती को अस्पताल के प्रबंधन ने वहां से यह कहते हुए भगा दिया कि गाजियाबाद में जाकर भर्ती हों. साथ ही यह भी आरोप है कि अस्पताल प्रशासन ने उन्हें एंबुलेंस भी उपलब्ध नहीं कराई. दोनों मरीज अपनी प्राइवेट गाड़ियों से देर रात को गाजियाबाद के जिला एमएमजी अस्पताल पहुंचे, जहां उन्हें भर्ती किया गया. सीएमओ डॉक्टर एनके गुप्ता ने इसकी पुष्टि की है. उन्होंने मामले की शिकायत शासन से करने की बात कही है.