जौनपुर (Jaunpur) के दलितों की आंखों में अब आंसू की जगह चेहरे पर मुस्कुराहट है. उनके दर्द को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने बखूबी महसूस किया और उन्हें फिर से उसी जगह बसाया, जहां से दबंगों ने उन्हें उजाड़ा था. कहर ढाने वाले दबंग आज सलाखों के पीछे हैं, तो भदेठी गांव के फिरतू जैसे दलितों का लगा कि वाकई इस संसार में योगी जैसे परमात्मा इंसान भी हैं. हमारी टीम जब दलितों पर हुए अत्याचार की हकीकत जानने ग्राउंड पर पहुंची तो फिरतू समेत गांव के अन्य दलितों का दर्द छलका, तो मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा राहत के लिए किए गए कामों को लेकर उनके चेहरे पर खुशी भी दिखी.
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कई लोगों को अधमरा कर हमारे घरों को फूंक दिया
भदेठी गांव के रहने वाले दलित समुदाय के फिरतू अपने जले हुए घर को दिखाते हुए कहते हैं कि साहब घर में बिटिया की शादी थी. जेवर, कपड़ा समेत बहुत सामान खरीदकर लाए थे. अचानक सैकड़ों की संख्या में तोड़-फोड़ और मार-काट मचाते मुसलमानों की भीड़ आई और हमारे घर पर धावा बोल दिया. हम लोगों को मुसलमानों ने दौडा-दौड़ा कर पीटा. हमारे समाज कई लोगों को अधमरा कर हमारे घरों को फूंक दिया. ठेलिया चलाकर अपने परिवार का भरण पोषण करने वाले फिरतू को थोड़ा और कुरेदते हैं, तो वह रोने लगता है और कहता है कि ये लोग वर्षों से हम पर अत्याचार करते आए हैं. हमारी कहीं कोई सुनवाई नहीं होती थी, लेकिन ऐसा पहली बार हुआ है, जब किसी सरकार ने इन दंगाइयों को जेल भेजा और हमें मुआवजा दिया. यही नहीं अब हमारा घर भी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ बनवा रहे हैं. पहली बार ऐसा लगा कि कोई सरकार हमारे बारे में इतनी शिद्दत से सोचती है. हमारे लिये तो योगी परमात्मा जैसे हैं.
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योगी हमारे लिए परमात्मा हैं
घटना की सच्चाई और सरकार की तरफ से उन्हें क्या मदद मिली इस बात को जानने के लिए जब हम थोड़ा और आगे बढ़े. तभी अचानक एक व्यक्ति आया और बोला कि मेरा नाम सेवालाल है, आइए दिखाता हूं क्या हुआ था, और मेरा हाथ पकड़कर अपने घर ले गया. जली हुई छप्पर और काली हो चुकी ईंट की दीवार को दिखाते हुए कहने लगा कि बंदूक, लाठी और तलवार लिए बहुत सारे लोग गांव में घुस आए थे. गांव में घुसते ही जो मिला उसे मारने-पीटने लगे फिर हमारे घरों को जला दिया. आंखों का आंसू पोछते हुए वह कहता है कि उन लोगों ने हमारे पास कुछ नहीं छोड़ा. बातचीत के दौरान सेवालाल ने बताया कि वह मजदूरी करता है, मुख्यमंत्री योगी को धन्यवाद देते हुए वे कहने लगा कि योगी जी ने हमें न्याय दिलाया है. हमारे साथ ज्यादती करने वाले गुंडों-बदमाशों को जेल भेज दिया और मुआवाज भी दिलवाया. अब हमको घर भी दे रहे हैं.
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घर में कोई सामान नहीं बचा था
घटना की थोड़ी और तह तक जाने के लिए हमने कुछ और लोगों से बात करनी चाही. इस दौरान हमरी मुलाकात खेती कर अपना जीवन यापन करने वाले जितेंद्र कुमार गौतम से हुई. जितेन्द्र का मकान पक्का था, लेकिन दीवारों को आग की लपटों ने काली कर दिया था. जितेंद्र कहते हैं 2-3 सौ मुसलमान रहे होंगे. सब गालियां देते हुए आ रहे थे. इतनी बड़ी भीड़ देखकर मैं अपने परिवार लेकर भाग निकला. पुलिस आई तो गांव में आकर देखा तो मेरा पूरा घर जला दिया गया था. घर में कोई सामान नहीं बचा था. मेरे पास 9 विसवा खेत है, उसी से परिवार का खर्च चलता है. ये घर रिश्तेदारों से कर्ज लेकर बनाया था. गुंडों ने हमारा कुछ नहीं छोड़ा, सब जला दिया. आरोपियों पर कार्रवाई की बात पर वह योगी को धन्यवाद देते हुए कहते हैं कि गुंडों ने हमें उजाड़ा तो योगी जी ने हमें बसाया है.
भदेठी के दलितों 10.26 लाख की आर्थिक मदद
मुख्यमंत्री पीड़ित सहायता कोष से 10,26,450 रुपये की मदद और आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के बाद भदेठी में अब शांति है. घटना के तुरंत बाद मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ द्वारा उठाए गए कड़े कदम से दलित समुदाय के लोगों में भरोसा जगा है कि मुख्यमंत्री योगी उनके हितों की रक्षा के साथ ही उनके जानमाल की सुरक्षा भी कर रहे हैं.
ये है मामला
गौरतलब हो कि बीते 10 जून को जौनपुर के सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के भदेठी गांव में बच्चों के मामूली विवाद ने खूनी संघर्ष का रूप ले लिया. इस विवाद में अल्पसंख्यक समुदाय के दबंगों ने दलित समुदाय की बस्ती में घुसकर तोड़-फोड़ की और उनके घरों को आग के हवाले कर दिया. इस दौरान दबंगों ने दलित समुदाय के लोगों को दौड़ा-दौड़ाकर पीटा जिसमें एक दर्जन से ज्यादा लोग घायल हो गए. घटना की जानकारी मिलते ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने सख्त रुख अपनाते हुए मामले के सभी आरोपियों के खिलाफ एनएसए के तहत कार्रवाई करने का पुलिस को आदेश दिया. यही नहीं उन्होंने पीड़ितों को मुआवजा देने के साथ ही उन्हें मुख्यमंत्री आवास योजना के तहत घर देने की भी व्यवस्था की.