लॉकडाउन में शराब की दुकानें (Liquor Shop) खोले जाने के मामले में योगी सरकार के फैसले के खिलाफ भेजे गए पत्र पर हाईकोर्ट ने जनहित याचिका कायम की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट में मामले की सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस गोविंद माथुर और जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा की खंडपीठ सुनवाई करेगी. अधिवक्ता सुनील चौधरी ने चीफ जस्टिस और रजिस्ट्रार जनरल को ऑनलाइन पत्र भेजा था. पत्र में वाइन शॉप पर सोशल डिस्टेंसिंग (Social Distancing) का नहीं होने का आरोप लगाया था. यूपी में शराब की बिक्री तत्काल रोके जाने की ऑनलाइन मेल में मांग की गई है. सरकार की मंशा और अर्थव्यवस्था को देखते हुए ऑनलाइन बिक्री या होम डिलीवरी का कोर्ट से आदेश देने की मांग है. याची अधिवक्ता प्रयागराज और मेरठ में रेड लाइट एरिया को लेकर पूर्व में जनहित याचिका दाखिल कर चुके हैं. याची की जनहित याचिका पर कोर्ट ने प्रयागराज मीरगंज और मेरठ के रेड लाइट एरिया को पूरी तरह से बंद कराया है.
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बीजेपी विधायक ने अपने ही सरकार पर साधा निशाना
वहीं दूसरी तरफ भाजपा विधायक सुरेन्द्र सिंह ने लॉकडाउन के बीच शुरू की गयी शराब बिक्री पर तत्काल प्रतिबंध लगाने के साथ ही, इस फैसले के लिए अपनी ही पार्टी की सरकार पर निशाना साधा और सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की . विधायक ने शराबबंदी के लिए बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की भी तारीफ की. उन्होंने कहा कि राजस्व संग्रह के लिये इंसान की जान से समझौता करना उचित नहीं है.
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शराब बिक्री पर रोक लगाने की मांग की
बलिया जिले के बैरिया क्षेत्र के भाजपा विधायक सिंह ने बृहस्पतिवार को अपने आवास पर संवाददाताओं से बातचीत में लॉकडाउन के बीच शराब की दुकानों को खोले जाने को लेकर अपनी ही सरकार पर निशाना साधा. उन्होंने शराब बिक्री पर प्रतिबंध लगाने की मांग करते हुए सरकार से अपने निर्णय पर पुनर्विचार की मांग की. सिंह ने कहा कि भले ही कोई अन्य सुविधा बंद कर दी जाये और राजस्व प्राप्ति के लिए कोई दूसरा उपाय किया जाय लेकिन समाज हित में शराब की बिक्री रोका जाना आवश्यक है, क्योंकि इससे अराजकता फैलती है.