उत्तर प्रदेश के गाजियाबाद में पिछले 24 घंटे से चले आ रहे लेटर वार का आखिरकार समापन हो गया. दरअसल यह विवाद गाजियाबाद के सीएमओ के एक लेटर के वायरल होने से शुरू हुआ था. इसमें उन्होंने अपील की थी कि दिल्ली में काम करने वाले सभी डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ दिल्ली ही रुक जाएं. इस लेटर के बाद इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर रोष में आ गए थे.
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कोरोना वायरस के दौरान देशभर में कोरोना वॉरियर्स ने काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. गाजियाबाद में मुख्य चिकित्सा अधिकारी का 30 अप्रैल को लिखा हुआ एक लेटर वायरल हो गया. इस लेटर में उन्होंने अपील की थी कि ऐसे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ जो दिल्ली अस्पतालों में आते जाते वह दिल्ली ही रहे हैं गाजियाबाद ना आएं. इसके तुरंत बाद सोशल मीडिया पर एक और लेटर जारी हुआ जो 5 तारीख को मुख्य नगर आयुक्त नगर निगम गाजियाबाद ने लिखा था. जिसमें उन्होंने अपने अधीनस्थों को आदेश दिया था कि वह पार्षद और आरडब्ल्यूए से मिलकर सीएमओ के लेटर का प्रचार प्रसार करें. यह दोनों सोशल मीडिया पर आते हैं इंडियन मेडिकल एसोसिएशन से जुड़े डॉक्टर रोष में भर गए.
शुक्रवार सुबह डॉक्टरों का प्रतिनिधिमंडल जिला प्रशासन से मिलने पहुंचा. उसके बाद जिला प्रशासन, आरडब्लूए और आईएमए के लोग विजय मुद्रा में बाहर निकले. जिलाधिकारी ने सिर्फ ये कहा कि हम साथ-साथ हैं और बिना किसी सवाल का जवाब दिए उठ कर चले गए.
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इसके बाद आईएमए से जुड़े डॉक्टरों ने बताया कि मीटिंग के बाद यह तय हुआ है ऐसे डॉक्टर और पैरामेडिकल स्टाफ जो कोविड-19 से जुड़े हुए हैं वह दिल्ली के अस्पतालों में या होटल में रहेंगे. वह गाजियाबाद नहीं आएंगे. हालांकि इस पूरे प्रकरण में आरडब्ल्यूए फेडरेशन के चेयरमैन कर्नल टीपी त्यागी ने कहा कि वह सीएमओ के द्वारा जारी किए गए लेटर का पूरी तरह से समर्थन करते हैं.
Source : News Nation Bureau