गोरखपुर से दिल्ली और मुंबई जाने वाले जनरल क्लास के यात्रियों के लिए अच्छी खबर है. अब उनके अंगूठे का निशान उनको सीट दिला रहा है. इसकी वजह से अब उन्हें शाम को जाने वाली ट्रेन के लिए सुबह से लाइन नहीं लगानी पड़ रही है. इससे उनको सीट के लिए मारामारी से भी मुक्ति गई है. पुणे रेलवे स्टेशन की तर्ज पर गोरखपुर में भी टोकन सिस्टम से जनरल बोगियों में यात्रियों को बैठाया जा रहा है. गोरखपुर से होली और फसलों की कटाई के बाद काफी संख्या में लोग दिल्ली और मुंबई जाने के लिए गोरखपुर रेलवे स्टेशन पर पहुंच रहे हैं, लेकिन स्टेशन पर जमा भीड़ को देखकर लोगों के होश फाख्ता हो जा रहे हैं. सबसे ज्यादा दिक्कत गोरखधाम, लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस और कोचीन ट्रेन में है, लेकिन अब यात्रियों को सुविधा देने के लिए पूर्वोत्तर रेलवे ने एक नयी शुरुआत की है. रेलवे स्टेशन के डायरेक्टर राजन कुमार का कहना है कि गोरखपुर के प्लेटफार्म नंबर एक, दो और नौ पर बायोमीट्रिक टोकन मशीन (बीटीएम) लगाई गई है. इन प्लेटफार्मों से गोरखधाम और कोचीन सहित कुल दस ट्रेनों के लिए टोकन मिल रहा है. जनरल के यात्रियों के लिए यह टोकन अनिवार्य कर दिया गया है. बिना टोकन वाले यात्रियों को सीट नहीं मिलेगी. टोकन लेने के लिए यात्री को बीटीएम संचालक को टिकट दिखाना होता है और यात्री के अंगूठे के निशान के बाद एक टोकन मशीन निकालती है. बीटीएम पर रेलवे सुरक्षा बल के जवानों के अलावा वाणिज्य विभाग के कर्मी भी मौजूद रहते हैं.
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आरपीएफ पोस्ट प्रभारी रणजीत कुमार का कहना है कि गोरखपुर में कल से यह नई व्यवस्था शुरू हुई है. एक टिकट पर समूह में यात्रा करने वाले यात्रियों को साथ रहना होगा तभी यह टोकन मिलेगा. फिलहाल गोरखपुर से जाने वाली गोरखधाम, कुशीनगर एक्सप्रेस, कोचीन एक्सप्रेस, गोरखपुर-यशवंतपुर एक्सप्रेस, गोरखपुर सिकंदराबाद एक्सप्रेस, जम्मूतवी एक्सप्रेस, अवध एक्सप्रेस और लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस में यह सुविधा मिल रही है. टोकन लेने के बाद यात्रियों को घंटों लाइन लगाने या गेट के पास खड़े होने की जरूरत नहीं रह जाएगी. वह ट्रेन आने के पहले तक प्लेटफार्म पर कहीं भी बैठ सकते हैं. ट्रेन के आने के बाद जनरल कोच के गेट पर तैनात आरपीएफ जवान टोकन देखकर कोच में प्रवेश करा रहे हैं.
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इस टोकन के जरिये यात्रा करने वाले यात्रियों पवन पाण्डे, चंद्रिका यादव और संजय कुमार का कहना है कि इस सुविधा के कारण उनकी यात्रा काफी आसान हो गयी है. पहले घंटों खड़ा रहने के बाद भी जब ट्रेन आती थी तो भगदड़ में उनको सीट नहीं मिल पाती थी, लेकिन अब इस टोकन के जरिये उनको सीट मिल जा रही है. इस व्यवस्था के कारण उनकी यात्रा अब आसान हो गयी है.
Source : News Nation Bureau