राम जन्म भूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया के साथ बातचीत की. चंपत राय और मीडिया के बीच संग्रह अभियान को लेकर ये बातचीत हुई.
महासचिव चंपत राय ने कहा कि राम मंदिर की नींव चट्टान की तरह मजबूत और दीर्घायु हो, इसके लिए भारत के बड़े इंजीनियर, प्रोफेसर और वैज्ञानिक भेजे गए हैं.
चंपत राय ने कहा कि मकर संक्रांति तक राम मंदिर की एक अच्छी और मजबूत नींव की ड्रॉइंग तैयार हो जाएगी. राम मंदिर अब 360 फीट लंबा 235 फिट चौड़ा होगा, जबकि शिखर की ऊंचाई 160 फीट होगी. अयोध्या में बनने वाले तीन मंजिला मंदिर के निर्माण में कुल 4 लाख पत्थरों का इस्तेमाल किया जाएगा.
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राम भक्तों को भगवान के दर्शन करने के लिए 32 सीढ़ियां चढ़नी होंगी. वहीं दूसरी ओर, रामलला के दर्शन के लिए आने वाले दिव्यांगों और बुजुर्गों के लिए खास व्यवस्था रहेगी. चंपत राय ने कहा कि अयोध्या में बनने जा रहा राम मंदिर हिंदुस्तान की अस्मिता और राष्ट्र का गौरव है. उन्होंने कहा कि आने वाली पीढ़ियों को राम मंदिर की पुरानी याद नहीं आनी चाहिए.
राम मंदिर दान के लिए 10, 100 और 1000 रुपये के दान कूपन रहेंगे. यदि कोई राम भक्त दान में इससे बड़ी राशि देना चाहेगा, उसे रसीद दी जाएगी. दान में दी जाने वाली राशि सीधे मंदिर ट्रस्ट के अकाउंट में जमा होगी. उन्होंने कहा कि मंदिर निर्माण के लिए सिर्फ 27 फरवरी माघ पूर्णिमा तक ही दान लिया जाएगा, उसके बाद दान अभियान बंद कर दिया जाएगा. बताया जा रहा है कि मंदिर के लिए अभी तक 80 से 85 करोड़ रुपये ऑनलाइन दान मिल चुका है.
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चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर की नीव में न तो लोहा है और न ही स्टील है. नींव में पत्थर, चूना या प्लेन कंक्रीट है. तांबे की कील और रॉड का इस्तेमाल पत्थरों को जोड़ने के लिए उपयोग किया जाएगा. उन्होंने दान करने वाले राम भक्तों से कहा कि मंदिर को चांदी नहीं चाहिए, धन चाहिए. इसके साथ ही उन्होंने ये भी कहा कि जब तक एक मंदिर का काम पूरा नहीं हो जाता, तब तक काशी-मथुरा किसी की बात नहीं होगी.
Source : News Nation Bureau