प्रवासी मजदूरों की घर वापसी का सिलसिला जारी है. इसी क्रम में लॉकडाउन (Lockdown) की वजह से गुजरात के सूरत महानगर में फंसे 1,690 प्रवासी मजदूरों को लेकर गुरुवार तड़के तीसरी विशेष श्रमिक ट्रेन बांदा पहुंची है. इसके पहले दो श्रमिक ट्रेनें (Shramik Train) यहां आ चुकी हैं. अब तक गुजरात से लौटे प्रवासी मजदूरों की संख्या 4,468 हो गयी है. बांदा रेलवे स्टेशन (जंक्शन) के प्रबंधक एस.के. कुशवाहा ने बताया, "लॉकडाउन की वजह से गुजरात के सूरत महानगर में फंसे 1,690 प्रवासी मजदूरों को लेकर 24 घंटे के भीतर दूसरी विशेष श्रमिक ट्रेन आज तड़के तीन बजे आयी है. जिसमें ज्यादातर बांदा जिले के प्रवासी मजदूर सवार थे. इसके पहले बुधवार सुबह एक विशेष ट्रेन गुजरात के ही वडोदरा शहर से आयी थी, जिसमें 1,570 प्रवासी मजदूर सवार थे."
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थर्मल स्क्रीनिंग के बाद सरकारी बसों से उनके गंतव्य जिलों तक भेजा चुका
उन्होंने बताया, "विभिन्न जिलों के 1,208 प्रवासी मजदूरों को लेकर पहली विशेष श्रमिक ट्रेन यहां आठ मई को आयी थी. अब तक गुजरात से आयीं तीन ट्रेनों में 4,468 प्रवासी मजदूर आ चुके हैं, जिन्हें थर्मल स्क्रीनिंग के बाद सरकारी बसों से उनके गंतव्य जिलों तक भेजा चुका है."इस बीच, इस तीसरी श्रमिक ट्रेन में सवार मजदूरों ने बताया, "उनसे छह सौ रुपये प्रति व्यक्ति किराया वसूल किया गया है. उनके पास किराए के लिए पैसे नहीं थे, किसी ने मोबाइल बेचा तो किसी ने सोने की चैन (जंजीर) बेचकर किराए का जुगाड़ किया है. उन्हें किराया वसूलने का गम नहीं है, कम से कम अपने घर वापस लौट आये हैं. घर वापसी की उम्मीद खत्म हो गयी थी और वहां भूखों मर रहे थे."