निजी टीवी चैनल पर दिखायी गई रिपोर्ट में भ्रष्टाचार के आरोप में फंसे तीनों मंत्रियों के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप, राम नरेश त्रिपाठी और संतोष कुमार अवस्थी को गिरफ्तार कर लिया गया. शनिवार को इन तीनों को कोर्ट में पेश किया गया जहां से इन्हें जेल भेज दिया गया. इस मामले को गम्भीरता से लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तीनों को निलंबित कर FIR दर्ज करने के आदेश दिये थे. इसकी जांच के लिए एडीजी जोन राजीव कृष्ण की अध्यक्षता में एसआईटी गठित की थी.
Rajiv Krishna,ADG Lucknow Zone: The personal secretaries of three UP ministers who were caught in a sting taking a bribe have now been arrested and sent to judicial custody. All angles are being probed pic.twitter.com/dZeMR7gVBx
— ANI UP (@ANINewsUP) January 6, 2019
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इस संबंध में 28 दिसंबर को हजरतगंज कोतवाली में मंत्री अर्चना त्रिपाठी के निजी सचिव रामनरेश त्रिपाठी, मंत्री संदीप सिंह के निजी सचिव संतोष कुमार अवस्थी और मंत्री ओम प्रकाश राजभर के निजी सचिव ओम प्रकाश कश्यप के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. इन तीनों मामलों की विवेचना सीओ हजरतगंज अभय कुमार मिश्र ने शुरू की थी. एडीजी राजीव कृष्ण का कहना है कि अभी कुछ और सुबूत जुटाये जाने हैं. विधानभवन के अंदर ये लोग कैसे जाते थे. सचिवालय में इनकी क्या भूमिका रहती थी. ऐसे ही कई और तथ्य जुटाये जाने हैं. इसके बाद कुछ और लोग भी इस मामले में फंस सकते हैं.
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एडीजी राजीव कृष्ण ने बताया कि एएसपी पूर्वी सर्वेश कुमार मिश्र और सीओ हजरतगंज अभय कुमार सुबूत जुटाने के लिए दिल्ली भी गए थे. साथ ही विधान भवन और तीनों निजी सचिवों के घर व उनके साथ काम करने वाले दूसरे कर्मचारियों के बयान लेकर कई सुबूत जुटाये गये थे. कई जगह छापेमारी की गई थी जिसमें इन आरोपियों के खिलाफ कई साक्ष्य मिले थे. एफआईआर के बाद से ये लोग फरार चल रहे थे. पर, शुक्रवार देर रात इनके हजरतगंज में होने की जानकारी मिली थी, इसके बाद ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया.
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एसआईटी को कई साक्ष्य मिल गए थे लेकिन कुछ और सुबूत जुटाने के लिए एक जनवरी को एएसपी पूर्वी और एएसपी क्राइम, सीओ हजरतगंज के नेतृत्व में पुलिस ने तीनों आरोपियों के घर, कार्यालय पर छापा मारा था. करीब पांच घंटे तक वहां दस्तावेज जुटाये गये.एसआईटी की यह कार्रवाई शनिवार को बेहद गोपनीय रखी गई. किसी को इसकी भनक नहीं लगने दी गई और इन्हें कड़ी सुरक्षा में ही कोर्ट ले जाया गया. कोर्ट से इन्हें 14 दिन की न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया. शाम तक इस गिरफ्तारी के बारे में कोई अधिकारी नहीं बोल रहा था.
Source : News Nation Bureau