इलाहाबाद हाईकोर्ट ने कहा है कि किसी को भी न्यायिक प्रक्रिया के साथ खिलवाड़ की इजाजत नहीं दी जा सकती.जिसका केस झूठ पर टिका हो उसे बाहर फेंक देना चाहिए.कोर्ट ने कहा कि ईमानदारी, स्वच्छ हृदय व साफगोई से अदालत में आना चाहिए,जो जो इसके विपरित आयेगा उसे बाहर का दरवाजा देखना पड़ेगा. कोर्ट ने चार्जशीट व सम्मन आदेश को बार बार चुनौती देने के कारण पांच हजार हर्जाने के साथ याचिका खारिज कर दी हैऔर कहा है कि यह राशि महाराजगंज जिले के घुघुली थाना क्षेत्र के पकरी सिसवा गांव के निवासी राजेश को एक माह में महानिबंधक के समक्ष जमा करना होगी जो राजकीय बाल गृह शिशु खुल्दाबाद, प्रयागराज को दी जायेगी और बच्चों के कल्याण हेतु खर्च होगी.यह आदेश न्यायमूर्ति संजय कुमार सिंह ने विनोद व दो अन्य की याचिका को खारिज करते हुए दिया है.
याचिका में सी जे एम महाराजगंज की अदालत से जारी सम्मन आदेश व पुलिस चार्जशीट को चुनौती दी गई थी. इससे पहले भी इसे चुनौती दी गई थी जिसपर कोर्ट ने अदालत में एक माह में समर्पण करने तक संरक्षण दिया गया था जिसका पालन किया गया. इसके बावजूद हाजिर नहीं होने पर मजिस्ट्रेट ने तीन बार गैर जमानती वारंट जारी किया गया. इसे भी चुनौती दी गई है.जो विचाराधीन है.
और अब तीसरी बार याचिका दायर की गई है.
कोर्ट ने कहा याचिका स्वच्छ हृदय से दायर नहीं की गई है.धोखे में रखकर मनमाफिक आदेश पाने की कोशिश की गई है.याची कोर्ट आदेश का सम्मान नहीं करता. तथ्य छिपाकर याचिका दायर की गई है.जिसके लिए हर्जाना लगाया जायेगा.
Source : Manvendra Pratap Singh