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बदनाम बिल्डर की खातिर 'सीओ' को 'हड़काना' स्वाति सिंह को बहुत सताएगा!

जमाने भर में बदनाम अंसल बिल्डर की खैर की खातिर तेज-तर्रार महिला पुलिस क्षेत्राधिकारी डॉ. बीनू सिंह को धमकाना यूपी की मंत्री स्वाति सिंह को अभी बहुत सताएगा.

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Deepak Pandey
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बदनाम बिल्डर की खातिर 'सीओ' को 'हड़काना' स्वाति सिंह को बहुत सताएगा!

मंत्री स्वाति सिंह( Photo Credit : न्यूज स्टेट)

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जमाने भर में बदनाम अंसल बिल्डर की खैर की खातिर तेज-तर्रार महिला पुलिस क्षेत्राधिकारी डॉ. बीनू सिंह को धमकाना यूपी की मंत्री स्वाति सिंह को अभी बहुत सताएगा. यह हम नहीं, बल्कि उन्हीं की दबंगई को बयान करता हुआ बाहर आया 'ऑडियो' का जिन्न बयान कर रहा है. राज्य सरकार के गले की फांस बनीं दबंग महिला पुलिस अफसर डॉ. बीनू सिंह मौजूदा वक्त में लखनऊ के कैंट सब-डिवीजन की सर्किल अधिकारी (सीओ) हैं, जबकि अब से पहले भी कुछ मामलों में चर्चित रहीं स्वाति सिंह पूर्व भाजपा नेता दयानंद सिंह की पत्नी और खबर लिखे जाने के वक्त तक यूपी सरकार में मंत्री हैं.

फिलहाल, सरकार, पार्टी और खुद की छीछालेदर होती देख राज्य के मुख्यमंत्री ने इस कथित बवाली कहिए या फिर जिन्नाती 'ऑडियो-टेप' कांड की जांच पुलिस महानिदेशक ओपी सिंह के हवाले कर दी है. डीजीपी की इसी रिपोर्ट पर टिका है आज की दबंग मंत्री के आने वाले कल का 'राजनीतिक-भविष्य'.

महिला सीओ और मंत्री स्वाति सिंह के बीच हुई अविश्वसनीय-सी लगने वाली कथित बातचीत के बबाली ऑडियो टेप को जो सुन रहा है, वही सन्न है. सुनने वालों की जुबान पर यही है कि "भाजपा जैसी अनुशासित पार्टी के भीतर स्वाति जैसी धमकाऊ मंत्री को आखिर जगह दी ही किसने?" कुल जमा जब से इस ऑडियो टेप का जिन्न बाहर आया है, तब से भाजपा की धुर-विरोधी पार्टियां सक्रिय हो गई हैं. भाजपा को यह बताने के लिए कि वह जमाने भर की ठेकेदारी छोड़कर पहले अपने घर को साफ-सुथरा करके महफूज करे.

इस बारे में भाजपा के पूर्व वरिष्ठ नेता और अब समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय प्रवक्ता आईपी सिंह ने शनिवार शाम आईएएनएस से कहा, "मैंने 30 साल की सेवा के बाद यूं ही बीजेपी नहीं छोड़ी. दयानंद सिंह और स्वाति सिंह (पति-पत्नी) जैसों से दूर रहने के लिए ही भाजपा को गुडबाय कहा। वरना आज की भाजपा का जो हाल है, उसमें मैं जनता के बीच आने-जाने के काबिल भी नहीं रहता."

आईपी सिंह ने आगे कहा, "इस पूरे घटनाक्रम से साफ है कि यूपी में भाजपा और उसके सुशासन के कथित नारे की दुर्गति कैसे अपने ही (स्वाति सिंह जैसे) कर रहे हैं. जिस सरकार की महिला मंत्री (विवादित स्वाति सिंह) अपनी ही राज्य पुलिस की किसी महिला सीओ को एक अदद बदनाम बिल्डर की खैर की खातिर खरी-खरी सुना रही हो, सोचिए वहां अब होने को भला बाकी क्या रहा होगा? यह तो भला हो ऑडियो रिकार्डिग करके उसे सर-ए-आम ला देने वाले का. अब यह भाजपा सोचे कि यूपी चुनाव में 'बेटी के सम्मान में भाजपा मैदान में' जैसा मनभावन नारा बेचने वाली भाजपा को उसी की महिला मंत्री ने किस कदर समाज की नजरों में नीचा कर डाला है?."

ऑडियो टेप की आफत में चारों ओर से घिरी स्वाति सिंह फिलहाल शायद सामने आने को राजी नहीं हैं. पूरे बवाल पर आईएएनएस ने उनसे संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन बात नहीं हो सकी. फिलहाल एक बदनाम बिल्डर की कथित खैरियत की खातिर बैठे-बैठाए खड़ी हुई इस मुसीबत से पीछा छुड़ाने के लिए राज्य के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जांच राज्य के पुलिस महानिदेशक के हवाले कर दी है.

पुलिस महानिदेशक की जांच रिपोर्ट तय करेगी स्वाति सिंह का भविष्य! इस पूरे मामले में खास बात यह सामने आई है कि कथित ऑडियो-टेप में स्वाति सिंह ने सूबे के चीफ मिनिस्टर योगी आदित्यनाथ का पदनाम लेकर उन्हें भी घिरवा डाला है. जबकि यूपी पुलिस में दबंग छवि वाली पुलिस क्षेत्राधिकारी बीनू सिंह से हर कोई मिलने को आतुर है. सिर्फ इसलिए कि वह महिला मंत्री महोदया के हड़काने के बाद भी खुद को तहजीब की पटरी से नीचे उतारने से साफ बचा ले गईं. इस पूरे घटनाक्रम मे जो हुआ सो हुआ, सबसे ज्यादा गंभीर और हास्यास्पद यह है कि कल तक महिला मंत्री स्वाति सिंह को राज्य के जो पुलिस महानिदेशक सैल्यूट ठोंकते थे, उन्हीं पुलिस महानिदेशक की जांच रिपोर्ट अब मंत्री स्वाति सिंह का भविष्य तय करेगा.

Source : आईएएनएस

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