वैलेंटाइन डे यानी प्रेम के इजहार का दिन.. आमतौर पर इस दिन को प्रेमी प्रेमिका या पति पत्नी के बीच प्रेम के रूप में माना जाता है लेकिन गोरखपुर में वैलेंटाइन की एक नई परिभाषा गढ़ी जा रही है. गोरखपुर के कई स्कूलों में बच्चे अपने माता पिता को ही अपना वैलेंटाइन मानकर उनकी पूरे विधि विधान से पूजा कर रहे हैं और उनसे अपने प्रेम का इजहार कर रहे हैं. यहां पर बच्चों को सबसे ज्यादा प्रेम करने वाले माता पिता को देवतुल्य मान आज के दिन को मातृ पितृ पूूजन दिवस के रूप में मनाया जा रहा है.
तीर्थों से महान माता पिता हैं.
बच्चों ने अपने माता पिता के सामने कई सांस्कृतिक कार्यक्रम पेश किये और अपने गीतों के द्वारा उनको अपनी भावनायें बताईं. इसके बाद बच्चों ने अपने माता पिता को एक साथ बैठाकर उनकी विधिवत पूजा आरती की और फूल अर्पित किया. इसके बाद बच्चों ने माता पिता के चारों ओर सात फेरे लेकर उनके चरण स्पर्श किया और यह जताया कि उनके लिए सभी देवी देवताओं और तीर्थों से महान उनके माता पिता हैं. इस कार्यक्रम में आए बच्चों के माता पिता भी अपने बच्चों को पूजा करते और इतना सम्मान देते देखकर भाव विभाेर हो गये और उनकी आंखों में आंसू आ गए.
अपने बच्चों को गले लगाकर इन्होंने भी सदा उनका मार्गदर्शन देने का आशीष दिया और इस कार्यक्रम के आयोजन को लेकर अच्छा प्रयास बताया. बच्चों के माता पिता का कहना है कि आज जिस तरह से बच्चों में संस्कार खत्म होते जा रहे हैं और माता पिता के प्रति उनमें सम्मान का भाव कम होता जा रहा है, उसे देखकर छोटी कक्षाओं से ही उनमेंं इस तरह के कार्यक्रमों के द्वारा संस्कार का बीजारोपण करना काफी अच्छा प्रयास है.
माता पिता के रिश्तों को और प्रगाढ़ करने के लिए एक मंच
वहीं इस कार्यक्रम के आयोजकों का कहना है कि सच्चे अर्थ में वैलेंटाइन अपने माता पिता के साथ ही मनाना चाहिए, क्योंकि हमें सबसे ज्यादा प्रेम हमारे माता पिता ही करते हैं और आज के दिन इस तरह के कार्यक्रम के आयोजन से वह बच्चों और उनके माता पिता के रिश्तों को और प्रगाढ़ करने के लिए एक मंच देते हैं. जिस तरह से इस संसार में माता पिता बच्चों के लिए हर दुख उठाकर उनको खुश करने और उनका भविष्य संवारने के लिए तत्पर रहते हैं। उसी तरह से बच्चों का भी फर्ज बनता है कि वह अपने माता पिता को अपना सबसे बड़ा प्रेम मानें और उनके लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार हों, इस तरह के कार्यक्रमों से वह बच्चों में संस्कार का बीजारोपण कर रहे हैं जो आगे चलकर उन्हे एक अच्छा नागरिक बनाएगा. इनका कहना है कि वैलेंटाइन वीक के सातों दिन युवाओं को गुमराह कर लव जिहाद के रास्ते पर धकेलने की कोशिश की जा रही है जिसे इस तरह के कार्यक्रमों के जरिए ही रोका जा सकता है.
Source : Deepak Shrivastava