UP की इन 10 जगहों को घूम लिया तो विदेश जाने का मन नहीं करेगा

अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए ही है. आपके दोस्त जब विदेश या देश की किसी फेमस जगह पर घूमने जाते हैं तो वह अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर डालते हैं. आज हम आपको उत्तर प्रदेश की टॉप 10 जगहों के बारे में बता रहे हैं जहां आपको घूमना चाहिए.

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Yogendra Mishra
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UP की इन 10 जगहों को घूम लिया तो विदेश जाने का मन नहीं करेगा

श्रावस्ती का बुद्ध मंदिर

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Top 10 Tourist Places in Uttar Pradesh to Visit

अगर आप घूमने के शौकीन हैं तो यह खबर आपके लिए ही है. आपके दोस्त जब विदेश या देश की किसी फेमस जगह पर घूमने जाते हैं तो वह अपनी तस्वीरों को सोशल मीडिया पर डालते हैं. जिसे देख कर आपका भी मन घूमने को करता होगा. लेकिन समय या फिर पैसे के कारण आपको अपनी ख्वाहिशों पर रोक लगानी पड़ती है.

आज हम आपको बता रहे हैं. उत्तर प्रदेश की दस ऐसी जगहों के बारे में जहां आपको जरूर जाना चाहिए. अगर आप इन जगहों पर चले गए तो आपका मन विदेश जाने को नहीं करेगा. उत्तर प्रदेश टूरिज्म का भी कहना है कि यूपी नहीं देखा तो इंडिया नहीं देखा.

ताज महल

आगरा का ताजमहल (Photo Credit-UP Tourism)

दुनिया के सात अजूबों में शामिल आगरा का ताजमहल उत्तर प्रदेश में ही है. यहां आपको जरूर घूमना चाहिए. देश-दुनिया से लोग यहां घूमने के लिए आते हैं. ताजमहल पहुंचने के लिए आप रोडवेज की बसों का इस्तेमाल कर सकते हैं. इसके साथ ही आप आगरा पहुंचने के लिए ट्रेन का इस्तेमाल कर सकते हैं.

ताजमहल हर रोज सुबह 6 बजे से शाम साढ़े 6 बजे तक खुलता है. लेकिन शुक्रवार को नमाज के लिए ताजमहल बंद रहता है. वहीं अगर आप चांदनी रात में ताजमहल को देखना चाहते हैं तो शाम 8:30 बजे से 12:30 बजे तक प्रवेश रहता है.

ताजमहल का टिकट 50 रुपये है. ताजमहल के अंदर एक म्यूजियम भी है. मुगल बादशाह शाहजहां ने ताजमहल अपनी पत्नी मुमताज की याद में ताजमहल बनवाया था. ताजमहल के अंदर ही दोनों की कब्रे हैं.

बुलंद दरवाजा

बुलंद दरवाजा (Photo Credit-UP Tourism)

आगरा जिले में ही फतेहपुर सीकरी है. फतेहपुर सीकरी को पहले फतहाबाद के नाम से जाना जाता था जो कि फारसी शब्द फतह से प्राप्त होता है जिसका अर्थ है विजय. शहर के निर्माण का उद्देश्य सूफी संत सलीम चिश्ती के सम्मान में अकबर ने करवाया था. यहां पहुंचने के लिए आप हवाई मार्ग से आगरा पहुंच सकते हैं.

वहीं आगरा कैंट रेलवे स्टेशन से फतेहपुर सीकरी 40 किलोमीटर की दूरी पर है. अगर आप बस से आते हैं तो उत्तर प्रदेश परिवहन निगम की बसें फतेहपुर सीकरी तक आती हैं. बुलंद दरवाजे की खासियत यह है कि यह भारत का सबसे बड़ा दरवाजा है. जिसकी ऊंचाई 54 मीटर है.

वाराणसी

वाराणसी के घाट (Photo Credit-UP Tourism)

वाराणसी पीएम मोदी का संसदीय क्षेत्र है. यहां पहुंचने के कई रास्ते हैं. दिल्ली से आने वाले लोगों के लिए रेलवे ने वंदे भारत एक्सप्रेस चला रखी है. जिससे दिल्ली और वाराणसी का सफर 8 घंटे में तय हो जाएगा. वाराणसी हिंदुओं का धर्मिक शहर है. इस लिए इसकी मान्यता बहुत है.

अगर आप यहां आते हैं तो यहां के घाटों को देखना न भूलें. प्रयाग घाट, अस्सी घाट और मणिकर्णिंका घाट ऐसे हैं जिन्हें आपको जरूर देखना चाहिए. हर शाम को होने वाली गंगा आरती को देखना तो बिल्कुल भी न भूलें.

कतर्निया घाट

कतर्निया घाट में आपको ऐसा नजारा देखने को मिल सकता है।

अगर आप प्रकृति से जुड़ना चाहते हैं तो आपको उत्तर प्रदेश के बहराइच जिले में जरूर जाना चाहिए. यहां स्थित कतर्निया वन्यजीव अभयारण्य बेहद खूबसूरत जगह है. दुधवा टाइगर रिजर्व से जुड़ा होने के कारण यहां आपको चीता देखने को भी मिल जाएगा. कतर्निया 550 वर्ग किलोमीटर में फैला है.

यहां करीब 30 टाइगर, 40-45 हाथी और 4 गैंडे हैं. 200 से 250 गिद्ध, अजगर और कई दुर्लभ सांप यहां देखने को मिल जाएंगे. यहां गेरुआ नदी बहती है जो बहुत साफ सुथरी है. अगर आप यहां रात बिताना चाहते हैं तो गेरुआ नदी के किनारे ट्री हट मिल जाएंगे. यहां पहुंचने के लिए आप UPSRTC की बस से बहराइच पहुंच सकते हैं वहां से आपको नानपारा की ओर जाना होगा. अगर रेल से जाना चाहते हैं तो गोंडा तक आपको सीधी रेल यात्रा मिल जाएगी फिर वहां से आप ट्रेन के सहारे बहराइच तक पहुंच सकते हैं.

संगम

इलाहाबाद का संगम, जहां मिलती हैं गंगा और यमुना।

उत्तर प्रदेश का इलाहाबाद जिला हाईकोर्ट और विश्वविद्यालय से ज्यादा अपने दो नदियों के संगम के लिए मशहूर है. यहां यमुना और गंगा का संगम होता है. हिंदुओं के लिए यह बेहद धार्मिक स्थल है. 2019 में यह महाकुंभ का भी साक्षी बना. इलाहाबाद के संगम को घूमने का सबसे अच्छा समय जनवरी से मार्च रहेगा. क्योंकि इस समय माघ मेला चल रहा होता है. इलाहाबाद पहुंचने के लिए आपको बस के साथ सीधी हवाई यात्रा और रेलवे सेवा मिल जाएगी.

पारीछा बांध

परीछा बांध, झांसी (Photo Credit-UP Tourism)

झांसी के निकट बेतवा नदी पर बना पारीछा बांध एक विशाल बांध है. यह बांध झांसी में पेय जल एवं कृषि कार्यों हेतु जल का मुख्य स्रोत है. आप यहाँ के शानदार प्राकृतिक दृश्य का आनंद उठा सकते हैं.

अलकनंदा

अलकनंदा क्रूज (Photo Credit-UP Tourism)
अलकनंदा कोई जगह नहीं है बल्कि एक क्रूज है. जो वाराणसी में गंगा नदी में चलता है. यह एक वातानुकूलित क्रूज है. अलकनंदा के सहारे आप वाराणसी के घाटों को बहुत ही अच्छे से घूम सकते हैं. इस क्रूज में यात्रा का शुरुआती दाम 750 रुपये है. वेबसाइट पर जाकर टिकट बुक किया जा सकता है. इस क्रूज को ऑनलाइन बुक किया जा सकता है.

होरिंजी टेंपल

(Photo Credit-UP Tourism)

वाराणसी के सारनाथ में होरिंजी टेंपल है. यह भगवान बुद्ध का मंदिर है. होरिंजी टेंपल घूमने का फायदा यह होगा कि आप जापानी वास्तुकला से जुड़ सकते हैं.

महाराजा गंगाधर राव की छतरी

(Photo Credit-UP Tourism)

महाराजा गंगाधर राव की छतरी उत्तर प्रदेश के झांसी जिले में है. इसका निर्माण रानी लक्ष्मीबाई द्वारा 21 नवंबर 1853 को कराया गया था. रानी लक्ष्मीबाई ने अपने पति गंगाधर राव के निधन के बाद इसका निर्माण कराया था. यह भारतीय कला का एक बेहतरीन नमूना है.

महामंकोल चाई थाई मोनेस्टरी

(Photo Credit-UP Tourism)

भगवान बुद्ध का जुड़ाव श्रावस्ती से रहा है. उत्तर प्रदेश के श्रावस्ती जिले में महामंकोल चाई थाई मोनेस्टरी है. आपको बता दें कि यह जितनी घूमने के लिए अच्छी जगह है उतनी ही शांति वाली जगह है. ध्यान लगाने वाले बौद्ध भिक्षु यहां आते हैं. यहां आने के लिए आप बलरामपुर जिले से और बहराइच जिले से बस के द्वारा इकौना और कटरा तक आ सकते हैं.

Source : Yogendra Mishra

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