अक्सर हम यातायात के नियमों को धुएं में उड़ाते हुए अपने वाहनों को सड़क पर दौड़ाते चले जाते हैं. कई बार तक हम यह भी नहीं जानते कि हमारी गाड़ी के कागज भी हमारे पास हैं या नहीं? अगर ऐसा है तो अब सावधान हो जाइए...क्योंकि अब दिल्ली एनसीआर के अभिन्न अंग नोएडा में ट्रैफिक के नियम तोड़ने पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी. खासकर ध्वनी प्रदूषण करने पर वाहन चालक का 10 हजार रुपए तक का चालान काटा जाएगा. दरअसल, गाड़ियों के तेज हॉर्न विशेषतौर पर बाइकों में लगे मॉडिफाइड साइलेंसर की वजह से होने वाली दिक्कत पर गौतमबुद्ध नगर पुलिस अब बड़े एक्शन के मूड में है. नोएडा पुलिस अब ऐसे लोगों के खिलाफ डेसिबल मीटर का इस्तेमाल करेगी.
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नोएडा पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि जिले की ट्रैफिक पुलिस अब ध्वनि प्रदूषण फैलाने वालों के खिलाफ सख्ती से पेश आएगी. ऐसे लोगों का चालान डेसिबल मीटर से होगा. इसका मतलब यह है कि अब अगर कोई तेज आवाज में हॉर्न बजाता है या फिर गाड़ी से किसी तरह का शोर करता है तो वो ट्रैफिक पुलिस की नजरों से बच नहीं पाएगा. ट्रैफिक पुलिस डेसिबल मीटर से यह जान जाएगी कि वाकई में ध्वनि प्रदूषण हुआ या नहीं?
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इसके लिए बाकायदा ट्रैफिक पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी गई है. इसके साथ ही ट्रैफिक इंस्पेक्टर और दरोगा को डेसिबल मीटर ट्रैफिक दिया जाएगा. ध्वनि प्रदूषण पकड़ में आते ही वाहन स्वामी के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी. ध्वनि प्रदूषण करने पर 10 हजार रुपए तक का चालान काटा जा सकता है.
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